संघर्ष से सफलता तक: सागर रॉय की प्रेरणादायक कहानी
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क्लास पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने कंप्यूटर शिक्षक के साथ एक साल तक काम किया और इस दौरान उच्चतर माध्यमिक परीक्षा भी पास की। इसके बाद सागर जी ने स्वयं कुछ करने का निर्णय लिया, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण यह संभव नहीं हो पाया। कंप्यूटर के प्रति उनकी रुचि को देखते हुए, उन्होंने एक कंप्यूटर संस्थान में शिक्षक की नौकरी ढूंढ़ी, जहां उन्हें मात्र 1000 रुपये प्रतिमाह की आय होती थी।
दो साल बाद, उन्होंने अपनी मां से फिर कहा कि इस बार उन्हें कुछ अपना करना है। उनकी मां ने अपनी थोड़ी सी बचत दी और सागर जी ने 2019 में अपना पहला संस्थान “CBCE PECHARTHAL” खोला। एक साल के संघर्ष के बाद, उन्होंने 2020 में दूसरा संस्थान “CBCE DASDA” खोला। इसी तरह दो-तीन साल बीते और सागर ने तीसरे संस्थान की स्थापना का बड़ा निर्णय लिया। त्रिपुरा राज्य के दूसरे शहर में, परिवार के समर्थन और अपनी हिम्मत के बल पर, उन्होंने “CBCE DHARMANAGAR” नामक संस्थान खोला।
आज, CBCE DHARMANAGAR को Google पर नंबर 1 स्थान प्राप्त हुए लगभग 1.5 साल हो चुके हैं। सागर जी इस सफलता से बेहद खुश हैं। इस बीच, उन्हें Reseal.in के पुरस्कार कार्यक्रम में शामिल होने का सुनहरा मौका मिला। सागर जी अब अपने परिवार को अच्छी तरह से रख पाने में सक्षम हैं और उन्होंने अपने संघर्षों से यह साबित कर दिया कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता पाई जा सकती है।
अंत में, सागर रॉय जी Reseal.in को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने उन्हें इतने बड़े मंच पर आने का अवसर प्रदान किया। यह उनकी कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है कि वे आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। और साथ ही रीसील डॉट इन की और से उनके सुनहरे भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं |
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