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    April 24, 2025

    5 और गिरफ्तार, 17 स्टूडेंट्स डिबार… अब CBI खोलेगी नीट परीक्षा के सारे राज़, 10 अपडेट।

    1 min read
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    CBI ने नीट परीक्षा विवाद मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है. बिहार के बाद अब गुजरात ने मामले को सीबीआई को देने का फैसला किया है. कुछ और गिरफ्तारियां हुई हैं. आज से संसद सत्र शुरू हो रहा है जिसमें विपक्ष मामले को उठा सकता है.

    शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच CBI ने अपने हाथों में ले ली है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही पेपर लीक मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने गड़बड़ी पता चलने के बाद 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया. विवाद सामने आने के बाद से अब तक कुल 110 स्टूडेंट्स के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हुई है. आइए जाते हैं NEET विवाद पर 10 बड़े अपडेट.

    5 मई को आयोजित हुई परीक्षा रद्द करने की मांग के बीच मंत्रालय के अधिकारियों ने सरकार का पिछला रुख दोहराया कि गड़बड़ी की घटनाएं स्थानीय और छिटपुट स्तर पर हुईं. उनका कहना है कि इसके लिए उन लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में डालना उचित नहीं है, जिन्होंने परीक्षा सही ढंग से पास की.

    सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद जिन 1,563 छात्रों के कृपांक (ग्रेस मार्क्स) रद्द कर दिए गए थे, उनके लिए रविवार को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई. इसमें केवल 813 परीक्षार्थी शामिल हुए. इन अभ्यर्थियों को पांच मई को परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण छह केंद्रों पर समय की भरपाई के लिए NTA ने कृपांक दिए थे. आरोप हैं कि इससे अंकों में वृद्धि हुई और कृपांक पाने वाले हरियाणा के एक ही केंद्र के छह परीक्षार्थियों समेत कुल 67 परीक्षार्थियों ने 720 अंक हासिल किए.

    इस साल लगभग 24 लाख में से 13 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी नीट-यूजी में पास हुए, जिन्हें लगभग 1.8 लाख एमबीबीएस/दंत चिकित्सा सीटों पर दाखिला दिया जाना है. देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और मुकदमेबाजी के बीच सीबीआई ने IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) समेत अन्य धाराओं के तहत नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में FIR दर्ज किया है.

    बिहार और गुजरात सरकार ने भी रविवार को नीट-यूजी पेपर लीक के मामलों को सीबीआई को देने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिससे केंद्रीय एजेंसी के लिए जांच का मार्ग प्रशस्त हो गया. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने शनिवार को शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद व्यापक जांच के लिए सीबीआई को जिम्मेदारी दी गई.

    ईओयू ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को शनिवार को झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था. उनकी पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में की गई. सभी मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं.

    EOU ने बयान में कहा कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ ​​लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका प्राप्त हुई थी. इसमें दावा किया गया है कि मुखिया गिरोह के सदस्यों ने ही उत्तर पुस्तिका लीक की थी. जांच से पता चला कि बलदेव और उसके सहयोगियों ने चार मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिका बांटी थी. पहले गिरफ्तार किए जा चुके दो व्यक्ति नीतीश कुमार और अमित आनंद परीक्षार्थियों को वहां लेकर गए थे.

    बयान के मुताबिक मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्न पत्र कथित तौर पर झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था. जांचकर्ताओं ने पटना के मकान से बरामद आंशिक रूप से जले हुए प्रश्न पत्र का राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया, जिससे लीक की पुष्टि हुई. प्रश्न पत्रों को संभालने और भेजने के लिए एनटीए के SOP की भी अवहेलना हुई. ईओयू ने प्रश्न पत्रों को एक स्थान से दूसरे स्थानों पर ले जाने से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की, जिनमें बैंक अधिकारी और एक कूरियर कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे. मुखिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं.

    NTA के एक अधिकारी ने कहा, ‘बिहार के केंद्रों से परीक्षा देने वाले 17 परीक्षार्थियों को परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई. इससे इस साल परीक्षा से वंचित होने वाले कुल परीक्षार्थियों की संख्या 110 हो गई है.’ एजेंसी ने पहले परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के लिए 63 उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया था. शनिवार को गुजरात के गोधरा के 30 परीक्षार्थियों को भी परीक्षा से बाहर कर दिया गया था.

    सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से परीक्षार्थियों, संस्थानों और बिचौलियों की साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और सबूतों को नष्ट करने समेत कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है.’ अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा के संचालन और पूरे घटनाक्रम में लोक सेवकों की भूमिका, अगर कोई हो और बड़ी साजिश भी जांच के दायरे में होगी.

    अधिकारियों ने कहा कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, सीबीआई ने गुजरात के गोधरा और पटना में विशेष टीमें भेजी हैं, जहां पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं. इस बीच, महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में लातूर जिले में एक निजी कोचिंग के दो शिक्षकों से पूछताछ की.

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