2500 साल पहले भूकंप ने बदला गंगा नदी का रूट, फिर आ सकती है वैसी तबाही! नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने चेताया।
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गंगा दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है. पश्चिमी हिमालय से शुरू होकर गंगा नदी पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है. इस दौरान गंगा भारत और बांग्लादेश से होते हुए ढाई हजार किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय करती है. Nature Communications जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, 2500 साल से भी ज्यादा पहले, एक भीषण भूकंप की वजह से गंगा का रास्ता बदल गया था. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ऐसी एक और घटना से गंगा का रूट फिर बदल सकता है.
बांग्लादेश में गंगा को ‘पद्मा’ के नाम से जाना जाता है. आज यह नदी ढाका से करीब 50 किलोमीटर दक्षिण में बहती है. वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट इमेजरी की मदद से पाया कि कभी यह शहर से 100 किलोमीटर दूर बहा करती थी.
क्यों बदला गंगा नदी का रूट?
स्टडी के मुताबिक, नदी के बहाव में यह कटाव एक बड़ी घटना की ओर इशारा करता है. इससे एक नया नदी चैनल बना और पिछला छूट गया, वैज्ञानिक इसके पीछे सीस्मिक एक्टिविटी को वजह बताते हैं.
वैज्ञानिकों ने क्या बताया?
नीदरलैंड की वेगेनिंगन यूनिवर्सिटी की क्वाटरनरी जियो-क्रोनोलॉजिस्ट लिज चैंबरलिन कहती हैं, ‘इस बात की पहले पुष्टि नहीं हुई थी कि भूकंप डेल्टाओं में कटाव ला सकता है, विशेष रूप से गंगा जैसी विशाल नदी के लिए.
इंसानी जिंदगी पर सीधा असर
संभव है कि बड़े भूकंप की वजह से नदी सिस्टम के रास्ते में सचमुच भूकंपीय बदलाव हुआ हो. इससे पहले की एक स्टडी में पाया गया था कि ऐसी घटना से इस क्षेत्र में रहने वाले 14 करोड़ लोगों पर सीधा असर पड़ सकता है.
गंगा नदी का वर्तमान रूट
गंगा की उद्गम धारा का नाम भागीरथी है. यह गोमुख के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है. कई छोटी-छोटी धाराएं गंगा के मुख्य स्रोत हैं जिसमें अलकनंदा, धौलीगंगा, पिंडर, मंदाकिनी और भीलंगना शामिल हैं. देवप्रयाग में अलकनंदा, भागीरथी से मिलती है, इसके बाद नदी को गंगा नाम मिलता है.
बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले यह 2,525 किलोमीटर का रास्ता तय करती है. इस यात्रा के दौरान इसमें कई सहायक नदियां मिलती हैं. गंगा भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर गुजरती है.
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