International News: हिंद-प्रशांत में संतुलन के लिए भारत से रिश्तों पर निवेश कर रहा US, चीन-दलाई लामा पर कानून |
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हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर ने चीन पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति से कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ‘पेंटागन’ के शीर्ष अधिकारी एली रैटनर ने सांसदों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत का सही संतुलन बनाने के लिए भारत के साथ रक्षा संबंधों में अमेरिका निवेश कर रहा है। इसके लिए भारत के साथ प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत हाल में हुई, जिसमें सह-निर्माण के मौकों पर चर्चा की गई।
हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के रक्षा सहायक मंत्री एली रैटनर ने चीन पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़ी समिति से कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने के महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमैन ने भी भारत से संबंधों पर जोर दिया।
भारत और रूस रिश्तों पर ध्यान दे अमेरिका : रिपोर्ट
सीनेट की विदेश मामलों से संबंधित समिति की डेमोक्रेटिक पार्टी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडन प्रशासन को भारत-रूस रिश्तों व उसके ‘लोकतांत्रिक मूल्यों व संस्थानों में आ रही गिरावट’ पर ध्यान देने की जरूरत है। खासकर तब, जब अमेरिका हिंद-प्रशांत और क्वाड पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चीन और दलाई लामा पर अमेरिका में पेश किया कानून
अमेरिका में सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने निचले और उच्च सदन (प्रतिनिधि सभा व सीनेट) में एक कानून पेश किया है। इसका मकसद चीन व दलाई लामा में वार्ता शुरू करने के लिए अमेरिकी नीति को मजबूत बनाना और तिब्बतियों के लिए आजादी व तिब्बत को लेकर उनके मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान आगे बढ़ाना है। ‘तिब्बत-चीन संघर्ष अधिनियम के लिए एक संकल्प को बढ़ावा देना’ नाम से बिल को कांग्रेसी जिम मैकगवर्न और माइकल मैककॉल ने सदन में पेश किया। वहीं, सीनेटर जेफ मर्कले और टॉड यंग ने बिल को सीनेट में पेश किया।
एच-1 बी : शुरू होगी वीजा सत्यापन प्रक्रिया
अमेरिका इस साल के अंत में पायलट आधार पर एच-1 बी और एल-1 वीजा जैसी कुछ श्रेणियों में घरेलू वीजा पुनः सत्यापन प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि इस कदम से भारत समेत हजारों विदेशी तकनीकी कर्मचारियों को फायदा होगा। अब ज्यादातर लोगों को अपने पासपोर्ट पर एच-1 बी की अवधि विस्तार के लिए मुहर लगवाने अपने देश नहीं जाना पड़ेगा।
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