बड़ी खबर! NEET के बढ़े हुए अंक रद्द; केंद्र ने न्यायालय में दी जानकारी, 1,563 छात्रों को पुन: परीक्षा देने की अनुमति
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‘फिजिक्सवाला’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और याचिकाकर्ता अलख पांडे ने आरोप लगाया कि बढ़े हुए अंक मनमाने ढंग से दिए गए हैं और इसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की थी।
नई दिल्ली: NEET-UG में कथित अनियमितताओं को लेकर देशभर में हंगामा मच गया है। इसी के चलते छात्रों को दिए गए बढ़े हुए अंक (ग्रेस मार्क) रद्द कर दिए गए हैं, यह जानकारी केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में दी। जिन 1,563 छात्रों को ये अंक मिले थे, उन्हें पुन: परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, न्यायालय ने छात्रों की काउंसलिंग को स्थगित करने से इनकार कर दिया।
5 मई को आयोजित इस परीक्षा में पेपर लीक और बढ़े हुए अंक दिए जाने जैसी कई अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। इसके चलते पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सुनवाई हो रही है। विभिन्न कारणों से बढ़े हुए अंक दिए जाने के कारण 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर सबसे अधिक आपत्ति जताई गई है। केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से वकील कानू अग्रवाल ने न्यायालय में कहा कि बढ़े हुए अंकों के संबंध में छात्रों में नाराजगी के बाद NTA ने एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने बढ़े हुए अंक रद्द करने और ऐसे छात्रों को पुन: परीक्षा देने का मौका देने की सिफारिश की है। इसके अनुसार, 23 जून को पुन: परीक्षा आयोजित की जाएगी और इसके परिणाम 30 जून को घोषित किए जाएंगे। जो छात्र पुन: परीक्षा नहीं देंगे, उनके बढ़े हुए अंक घटाकर 5 मई को हुई परीक्षा के मूल अंकों के साथ प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से न्यायालय ने इनकार कर दिया। साथ ही, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चिकित्सा कॉलेजों और अन्य संस्थानों में प्रवेश, NEET रद्द करने की मांग वाली अन्य याचिकाओं के निर्णय के अधीन रहेंगे।
‘फिजिक्सवाला’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और याचिकाकर्ता अलख पांडे ने आरोप लगाया कि बढ़े हुए अंक मनमाने ढंग से दिए गए हैं। उन्होंने मांग की कि जिन छात्रों का समय बर्बाद हुआ और जिन्हें बढ़े हुए अंक नहीं मिले, उन्हें पुन: परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने इस मांग को खारिज कर दिया। अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने मई में आयोजित परीक्षा को रद्द कर पुन: परीक्षा की मांग की है। परीक्षार्थी जरिपिती कार्तिक ने भी एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने समय के नुकसान और बढ़े हुए अंक न मिलने का दावा किया है।
पेपर लीक के सबूत नहीं: धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी कि NEET-UG के पेपर लीक होने के कोई सबूत नहीं हैं। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमे लंबित हैं और परिणाम के अधीन निर्णय लिए जाएंगे, लेकिन किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होगा। प्रधान ने कहा कि NTA पर लगे आरोपों में कोई सबूत नहीं मिला है और यह एक विश्वसनीय संस्था है।
देश भर के गुस्से की गूंज संसद में
परीक्षा में गड़बड़ी के कारण देश भर में गुस्से की लहर है और इसका असर सरकार को संसद में सुनाई देगा, ऐसा कांग्रेस ने चेतावनी दी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने NEET में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र सरकार को निशाना बनाया। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है, ऐसा आरोप लगाते हुए खड़गे ने NTA के महानिदेशकों की बर्खास्तगी की मांग की।
प्रकरण की पृष्ठभूमि
- NEET-UG परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। देश भर के 4,750 केंद्रों पर लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने यह परीक्षा दी थी।
- परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन NTA ने 10 दिन पहले, 4 तारीख को परिणाम घोषित कर दिया। उत्तर पत्रिकाओं की जांच अपेक्षा से जल्दी पूरी होने के कारण परिणाम जल्दी घोषित किए गए। परीक्षा में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर विवाद खड़ा हो गया। इसमें हरियाणा के फरीदाबाद केंद्र के छह छात्रों को पूर्ण अंक मिलने से अनियमितता का संदेह बढ़ गया।
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