चुनाव के बाद EVM से कैसे होती है वोट काउंटिंग? आज ही समझ लें इसका पूरा प्रोसेस।
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चुनावों को EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से करवाया जा रहा है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल रहता ही होगा कि आखिर कैसे ईवीएम से वोटों की गिनती की जाती है.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हो रहे मतदान अब कुछ हफ्तों बाद खत्म हो जाएंगे, उसके बाद शुरू होगा वोटकाउंटिंग का सिलसिला. चुनावों को EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से करवाया जा रहा है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल रहता ही होगा कि आखिर कैसे ईवीएम से वोटों की गिनती की जाती है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे EVM से तेजी के साथ वोटों की गिनती की जाती है.
EVM से वोट काउंटिंग कैसे होती है, इसकी पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. मतदान के बाद:
मतदान समाप्त होने के बाद, EVM को सील कर दिया जाता है और मतदान केंद्र से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है.
सभी EVM को एक निर्धारित स्थान पर इकट्ठा किया जाता है, जिसे ‘मतगणना केंद्र’ कहा जाता है.
2. मतगणना केंद्र पर:
मतगणना केंद्र पर, चुनाव अधिकारी EVM को सील खोलते हैं और उन्हें एक ‘कंट्रोल यूनिट’ और ‘बैलट यूनिट’ में अलग करते हैं.
‘कंट्रोल यूनिट’ को एक ‘रीडिंग मशीन’ से जोड़ा जाता है.
‘रीडिंग मशीन’ EVM में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ती है और उसे एक ‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड करती है.
3. वोटों की गिनती:
‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या को विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या के साथ मिलान किया जाता है.
यह मिलान ‘वोटिंग ऑफिसर’ और ‘पार्टी एजेंट’ की उपस्थिति में किया जाता है.
वोटों की गिनती पूरी होने के बाद, ‘मतगणना अधिकारी’ परिणामों की घोषणा करते हैं.
4. VVPAT का उपयोग:
2010 से, भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) का भी उपयोग किया जा रहा है.
VVPAT एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो मतदाता द्वारा डाले गए वोट की एक पर्ची को प्रिंट करता है और उसे एक सुरक्षित बॉक्स में रखता है.
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.
EVM काउंटिंग को सटीक माना जाता है क्योंकि:
EVM इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करते हैं.
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.
मतगणना प्रक्रिया ‘मतगणना अधिकारी’, ‘पार्टी एजेंट’ और अन्य अधिकारियों की देखरेख में होती है.
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