कोर्ट ने मोदी को छह साल के लिए अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका खारिज की; जज ने कहा…
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दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी देवी-देवताओं और धार्मिक स्थलों के नाम पर वोट मांग रहे हैं.
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवी-देवताओं और धार्मिक स्थलों के नाम पर वोट मांगने के लिए प्रधान मंत्री मोदी को निलंबित करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी। लेकिन इस याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने साफ किया है कि यह याचिका पूरी तरह से गलत है और चुनाव आयोग इस संबंध में फैसला लेगा.
वरिष्ठ वकील आनंद जोंधले ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में अपने भाषण में राम मंदिर, करतारपुर साहिब कॉरिडोर और अफगानिस्तान के गुरु ग्रंथ साहिब का उल्लेख करके वोट मांगे। इस संबंध में उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज करायी थी. उन्होंने इस शिकायत में प्रधानमंत्री मोदी को छह साल के लिए निलंबित करने की भी मांग की. हालाँकि, चुनाव आयोग द्वारा अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेने पर उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इस बीच आनंद जोंधले की याचिका पर आज जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच के सामने सुनवाई हुई. इस मौके पर अपना पक्ष रखते हुए जोंधले ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी का भाषण देश को बांटने वाला है. साथ ही इस संबंध में चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज करायी गयी है और आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए उन्होंने यह भी मांग की कि कोर्ट इस संबंध में आयोग को निर्देश दे. इस संबंध में चुनाव आयोग को एक शिकायत मिली है और चुनाव आयोग के वकील सिद्धात कुमार ने कहा कि सभी मामलों की कानून के मुताबिक जांच करने के बाद फैसला लिया जाएगा.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया गया. साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के लिए चुनाव आयोग को इस तरह से किसी विशेष शिकायत पर निर्णय लेने का निर्देश देना संभव नहीं है।
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