देश के रक्षा बजट में 16 प्रतिशत की वृद्धि, 5.94 लाख करोड़ हुआ
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भारतीय सीमा पर चीन की लगातार झड़पों और पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सीमा पर दो साल से अधिक समय से तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारत ने रक्षा क्षेत्र में बजट आवंटन बढ़ा दिया है। भारत ने वर्ष 2023-24 के लिए अपना रक्षा बजट बढ़ाकर रु. 5.94 लाख करोड़ कर दिया है, जो पिछले साल रु. 5.25 लाख करोड़ था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने बजट में नए हथियार, विमान, लड़ाकू जहाज और अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए 1.62 लाख करोड़ अलग रखने की जानकारी दी है।
चीन और पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ते संघर्ष और साथ ही साथ रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ के मद्देनजर भारत ने अपने रक्षा बजट बढ़कर कुल 6.2 लाख करोड़ कर दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले साल रक्षा बजट पर सरकार ने करीब 5.25 लाख करोड़ आवंटित किए गए थे। सरकार हमेशा डिफेंस सेक्टर पर फोकस करती है। उम्मीद थी कि इस बार बजट में आवंटन में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी।
रक्षा बजट में बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से की जा रही है। हाल के महीनों में देश के सैनिकों को सीमा पर लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। चीन ने पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है। इसके साथ ही चीन हिंद-प्रशांत महासागर में भी अपना दबदबा बढ़ा रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तान भी लगातार अपना सैन्य बजट बढ़ा रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत रक्षा क्षेत्र में बजट आवंटन भी बढ़ा रहा है।
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