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    April 23, 2025

    घटनाओं का समय और बाज़ार की ऊँचाइयाँ

    1 min read
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    ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजार में लौट रहे हैं।

    फरवरी का महीना पूंजी बाजार के लिए एक घटनापूर्ण महीना साबित हुआ। 1 मार्च को समाप्त सप्ताह में प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स नई ऊंचाई पर पहुंच गए, जिससे एक बार फिर साबित हुआ कि निवेशकों को अभी भी शेयर बाजार पर भरोसा है। सेंसेक्स ने 73,745 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ, जबकि निफ्टी ने 22,338 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ। अमेरिकी वॉल स्ट्रीट पर उत्साह का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा। एशिया, जापान और चीन तथा हांगकांग तीनों शेयर बाजारों में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी मुद्रास्फीति पर सुखद और सकारात्मक आंकड़ों से शेयर बाजार में उत्साह बढ़ा। अगर निकट भविष्य में अमेरिकी सेंट्रल बैंक यानी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती की घोषणा करता है, तो बाजार में पैसा फिर से खेलना शुरू हो जाएगा और इसका सीधा फायदा भारतीय बाजारों को होगा। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजार में लौट रहे हैं।

    ‘जीडीपी’ आंकड़े और सुसमाचार
    अक्टूबर से दिसंबर 2023 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यह पिछली छह तिमाहियों में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड है। इसके पीछे मुख्य कारण निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि है। इंग्लैंड की अग्रणी वित्तीय संस्था बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह भविष्यवाणी पिछली सभी भविष्यवाणियों से बेहतर रहने वाली है। आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत के पूर्वानुमान से संशोधित कर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें रिजर्व बैंक द्वारा महंगाई की स्थिति को सही तरीके से संभालना और ब्याज दर में बढ़ोतरी की संभावना का अभाव अहम होगा.

    फरवरी महीने के लिए ऑटो इंडस्ट्री के आंकड़े बेहद उत्साहजनक हैं क्योंकि मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा सभी ने फरवरी महीने में रिकॉर्ड कारें बेचीं। टीवीएस मोटर्स की बिक्री में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। सार्वजनिक क्षेत्र और भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी ने भारत सरकार को 2,441 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। पिछले तीन महीनों में बाजार में इनोवेटिव प्रोडक्ट आने से एलआईसी के शेयर की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।

    ‘सेमीकंडक्टर’ उद्योग के लिए एक नई दिशा
    भारत सरकार ने पिछले सप्ताह देश की औद्योगिक तैयारी के लिए महत्वपूर्ण तीन सेमी-कंडक्टर विनिर्माण परियोजनाओं को मंजूरी देकर सवा लाख करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ कर दिया। यह परियोजना टाटा उद्योग समूह और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर कंपनी के बीच संयुक्त साझेदारी के माध्यम से की जाएगी। भारत में सेमीकंडक्टर व्यवसाय स्थापित करने के लिए केवल विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि सिस्टम को नए सिरे से स्थापित करना होगा। सरकारी स्तर पर नीतियों को लागू करते समय विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और वास्तव में इसे लागू करने वाली कंपनियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। 5जी टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑन थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, स्मार्ट मोबिलिटी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसी बदलती तकनीकों की पृष्ठभूमि में सेमीकंडक्टर उद्योग में यह निवेश भविष्य में महत्वपूर्ण होने वाला है।

    डिज्नी और जियो ने मिलाया हाथ!
    मीडिया उद्योग के अग्रणी वॉल्ट डिज़नी और रिलायंस समूह ने पिछले सप्ताह भारत में दोनों कंपनियों के मीडिया व्यवसाय का विलय करने के अपने निर्णय की घोषणा की। इससे बनने वाली संयुक्त कंपनी की वैल्यू 70 हजार करोड़ रुपये होगी. दोनों कंपनियों के एक साथ आने पर बनने वाली नई कंपनी में रिलायंस ग्रुप की 63.16 फीसदी हिस्सेदारी और डिज्नी की 36.84 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इन दोनों कंपनियों के एक साथ आने से उन्हें भारत में एक बड़ा दर्शक वर्ग मिलेगा। रिलायंस ने ‘ओटीटी’ कारोबार में 11.5 अरब रुपये निवेश करने के अपने इरादे की घोषणा की है।

    क्या राजकोषीय घाटा नियंत्रित होगा?
    मार्च महीने के राजकोषीय घाटे के आंकड़े बताते हैं कि पूंजी निवेश पर सरकार का खर्च धीमा हो रहा है। बजट में व्यक्त किए गए संशोधित अनुमान के मुताबिक, फरवरी और मार्च के दो महीनों में खर्च करने के लिए सिर्फ ढाई लाख करोड़ रुपये बचे हैं. कुल खर्च का 75 फीसदी पहले दस महीने में हो चुका है. बजट में अगले दो वर्षों में राजकोषीय अनुशासन की राह पर चलने का संकल्प व्यक्त किया गया है, ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले वर्षों में सरकारी व्यय को कैसे नियंत्रण में रखा जाता है।

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