किसान सर्वेक्षण: मोदी सरकार के दौरान किसानों की हालत कैसी है?; एक बड़ा सर्वे सामने आया
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इस वक्त देश के किसान सड़कों पर हैं. वह राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं.
नई दिल्ली: इस वक्त देश के किसान सड़कों पर हैं. वह राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. इन किसानों को राजधानी में कदम रखने से रोकने के लिए मोदी सरकार को आंसू गैस छोड़नी पड़ी है. बैरिकेड लगाए जा रहे हैं, उनके रास्ते में कीलों के बैरिकेड बनाए जा रहे हैं. इससे सरकार और किसानों के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया है. इस बीच एक बड़ा सर्वे सामने आया है. हालांकि, तस्वीर बता रही है कि ज्यादातर किसान सरकार की नीतियों से संतुष्ट हैं. लेकिन आख़िर ये सर्वे क्या कहता है? चलो पता करते हैं।
मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे के मुताबिक इस सर्वे में बकरियों को लेकर कई सवाल पूछे गए. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह था कि मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद यानी 2014 के बाद किसानों की स्थिति में क्या बदलाव आया है? क्या यह बेहतर हुआ या बदतर?
इस सर्वे के मुताबिक, 33.4 फीसदी जमीन मालिक किसानों का मानना है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. जबकि 32.5 फीसदी किसानों को लगता है कि उनकी हालत पहले से भी बदतर हो गई है. ऐसे किसानों की संख्या थोड़ी अधिक है जो कहते हैं कि स्थिति में सुधार हुआ है, जबकि लगभग उतनी ही संख्या में किसान हैं जो कहते हैं कि स्थिति खराब हो गई है। इसलिए लोकसभा के सामने मोदी सरकार के लिए ये वाकई चिंता का विषय है.
इस सर्वे का एक पहलू ये भी है कि पिछले दस सालों में किसानों के खर्च में भारी बढ़ोतरी हुई है. 62 फीसदी किसानों को लगता है कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण खेती की लागत बढ़ गई है. जिसके कारण उन्हें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस बीच सरकार फिलहाल किसानों के लिए किसान निधि जैसी कई योजनाएं लागू कर रही है. इन योजनाओं के बारे में सवाल पूछने पर 56 फीसदी किसानों ने स्वीकार किया है कि उन्हें इस योजना से फायदा हुआ है. दूसरी ओर, बड़ी संख्या में किसानों को यह भी लगता है कि उन्हें कोई फायदा नहीं मिला है.
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