एक साधारण गृहिणी का असाधारण व्यावसायिक बनने तक का सफर
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बड़ी कठिनायी को पर कर के सौ.मीनल मिलिंद आंब्रेजी ने ब्युटी पार्लर क्षेत्र में हासिल किया एहम मुक़ाम
जिस व्यक्ती में संघर्ष और मेहनत करने की क्षमता हो वो जीवन के हर पड़ाव पर कामियाबी प्राप्त कर सकता है। इसी क्षमता के साथ और अपनी परिवार की जिम्मेदारियों के साथ सौ.मीनल मिलिंद आंब्रेजी ने चिपलुन में शरू किए अपने ब्यूटी पार्लर व्यवसाय को बड़े मुक़ाम तक पहुँचाने में सफ़लता हासिल की है। एक साधारण गृहिणी से लेकर एक असाधारण व्यवसायिका बनने तक का मीनल जी का यह सफर वूमन एम्पावरमेंट का एक प्रेरणादाई उदाहरण है।
‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’आज चिपलुन शहर के ब्यूटी पार्लर उद्योग क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। सौ. मीनल मिलिंद आंब्रे इस सलोन की सर्वेसर्वा है। पिछले दस सालो से मिनलजी यह व्यवसाय पूरी मेहनत और लगन के साथ चला रही है। उनका पोर्टफोलियो आज ब्यूटिशियन, ट्राइकोलोजी, नेलआर्ट और पंचकर्मा जैसे कई सर्टिफिकेट्स के साथ भरा हुआ है, जिनकी प्रैक्टिस वह चिपलुन में स्थित अपने ‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’ में करती है। आज तक उन्होंने १२ से १५ लड़कियों को इस क्षेत्र के बारेमे सर्फ सिखाया ही नहीं बल्कि उनके लिए रोजगार भी उपलब्ध करवाया है। आज ‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’ में काम करने वाली और मिनलजी से सिखने वाली लड़कियों का खुद का पार्लर है। एक गृहिणी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए एक व्यवसाय शुरू करती है और उसकी वजहसे दूसरी स्त्रीयोंको सिर्फ नौकरी ही नहीं बल्कि खुदका व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरणा मिलती है यह एक गर्व की बात है।
यह व्यवसाय करने से पहले भी उन्होंने उनके पति के साथ मिलकर काफी काम किए। गृहिणी से शुरू हुए इस सफर के दौरान उन्होंने कपडे का दूकान भी शुरू किया, घर-घर जाकर कंगन भी बेचे उसके बाद उनका राशन का दूकान भी था। इतने व्यवसायों से मिले अनुभव ने उन्हें मेहनत और संघर्ष करने की आदत पड़ गई। कुछ समय गुजरने के बाद उन्हें चिपलुन शहर में स्थायी होना पड़ा। वहा जाकर उन्होंने ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण लेना शुरू किया, इसी प्रशिक्षण के दौरान इस ब्यूटी पार्लर उद्योगक्षेत्र में उनकी रूचि बढ़ने लगी। यह प्रशिक्षण शुरू करने के महज़ १५ दिनों के बाद उन्होंने अपना पहला पार्लर ‘रुपसंगम’ नाम से शुरू किया। इस पार्लर को ग्राहकों की ओर से अच्छा प्रतिसाद मिला। ग्राहकों से मिल रहे प्रतिसाद के कारण उन्होंने दूसरा पार्लर शुरू किया। इसी दौरान व्यवसाय और परिवार की जिम्मेदरियो के कारण बढ़ रहे तनाव का असर उनकी तबियत पर पड़ा। धीरे धीरे उनकी तबियत बिगड़ने लगी। उन्होंने ट्रीटमेंट भी ली पर उनकी तबियत में सुधार नजर नहीं आरहा था। इसी कारणवश उन्हें अपने दिल पर पत्थर रख कर अपने दोनों पार्लर बंद करने पड़े।
डॉ. ए.पि.जे अब्दुल कलाम कहा करते थे की “सपने वह नहीं होते जो सोते वक्त देखे जाते है, सपने वह होते है जो इंसान को सोने नहीं देते”। वैसे ही बिमारी के वजह से मीनलजी के सपने में पड़े हुए रोक ने उनकी रातों की नींद उडा दी। इस रुकावट से ऊपर उठने के लिए हिम्मत हारना बिलकुल भी लाज़मी नहीं था। २ साल गुजरने के बाद मिनलजी ने फिरसे अपना पार्लर शुरू करने का निर्णय लिया और ‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’ की स्थापना की। धीरे धीरे ‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’ को भी ग्राहकों का अच्छा प्रतिसाद मिलना शुरू हुआ।अत्याधुनिक उपकरणों से सजा हुआ यह सलोन चिपलुन शहर में आज एक बड़ा नाम बन चूका है। ग्राहक ‘मिनल्स ब्यूटी सलोन’ से मिल रही सेवाओं से पूरी तरह से संतुष्ट और खुश है। एक साधारण गृहिणी से इस सफर की शुरुवात हुई और आज यह सफर एक बड़े मुकाम तक पहुँच चूका है और दिन प्रति दिन इस उद्योग क्षेत्र में सफलता के नए शिखर छू रहे है। हम रिसिल.इन की ओर से सौ. मीनल मिलिंद आंब्रेजी को ढेर सारी शुभकामनाए देते है।
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