साढ़े सात करोड़ ने दाखिल किया ‘आईटी रिटर्न’, करदाता सिर्फ ढाई करोड़, शून्य कर देनदारी वालों की संख्या बढ़कर 5.16 करोड़ हुई
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पिछले पांच वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2018-19 में 6.28 करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 6.47 करोड़ और 2020-21 में 6.72 करोड़ हो गई।
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि आकलन वर्ष 2022-23 के लिए 7.4 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया, जबकि 5.16 करोड़ व्यक्तियों ने अपनी कर देनदारी शून्य दिखाई। गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों में जीरो-रेटेड करदाताओं की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को बताया कि पिछले पांच वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2018-19 में 6.28 करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 6.47 करोड़ और 2020-21 में 6.72 करोड़ हो गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिटर्न फाइलिंग की संख्या बढ़कर 6.94 करोड़ से अधिक और आकलन वर्ष 2022-23 में 7.40 करोड़ से अधिक हो गई। हालांकि, वित्त मंत्री ने बताया कि वास्तव में केवल लगभग ढाई करोड़ करदाता ही कर चुका रहे हैं।
पिछले चार वर्षों में, शून्य कर देनदारी वाले लेकिन दाखिल किए गए कर रिटर्न की संख्या आकलन वर्ष 2019-20 में 2.90 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 5.16 करोड़ हो गई है।
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