Medical Equipment : अब बगैर लाइसेंस नहीं बेच सकेंगे चिकित्सा उपकरण, दो साल बाद अधिनियम लागू
1 min read
|








भारत में चिकित्सा उपकरण चार अलग अलग कैटेगरी में बंटे हैं जिन्हें ए, बी, सी और डी के नाम से जाना जाता है। सी और डी कैटेगरी में शामिल उपकरणों को पहले ही लाइसेंस के अधीन ला दिया गया है। अब सरकार ने एक अक्तूबर 2022 से ए और बी कैटेगरी के उपकरणों को भी इसमें शामिल कर दिया।
देश में चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सरकार ने औषधि व प्रसाधन सामग्री अधिनियम को पूरी तरह से लागू कर दिया है। अब बगैर किसी लाइसेंस निर्माता कंपनी बाजार में उपकरण की बिक्री नहीं कर सकेगी। बीते एक अक्तूबर से लागू इस नियम के तहत उपकरणों के सभी निर्माताओं और आयातकों को सामान्य नाम, ब्रांड नाम, उपयोग, निर्माण सामग्री और उत्पाद की एक्सपायरी अवधि इत्यादि को प्रदर्शित करना पड़ेगा।
भारत में चिकित्सा उपकरण चार अलग अलग कैटेगरी में बंटे हैं जिन्हें ए, बी, सी और डी के नाम से जाना जाता है। सी और डी कैटेगरी में शामिल उपकरणों को पहले ही लाइसेंस के अधीन ला दिया गया है। अब सरकार ने एक अक्तूबर 2022 से ए और बी कैटेगरी के उपकरणों को भी इसमें शामिल कर दिया। ए कैटेगरी के उपकरणों में जैसे कैथेटर, डिस्पोजेबल छिड़काव सेट और सर्जिकल ड्रेसिंग शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साल 2020 में चिकित्सा उपकरणों को औषधि व प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत लाया गया था। तब से लेकर अब तक सभी उपकरणों को लाइसेंस की श्रेणी में लाया गया है। ए और बी कैटेगरी के लिए निर्माता कंपनियों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया था क्योंकि यह नियम एक अक्तूबर से पूरी तरह लागू कर दिया है। जिन लोगों ने 30 सितंबर तक आवेदन दिए हैं उनके अलावा अन्य कोई भी कंपनी बगैर लाइसेंस उपकरण की बिक्री नहीं कर सकती है।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments