मौजूदा या विपक्ष? आख़िरकार नवाब मलिक की भूमिका सामने आई
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नवाब मलिक: सबकी निगाहें इस बात पर थीं कि नवाब मलिक क्या भूमिका निभाएंगे. इस बीच नवाब मलिक के दफ्तर से प्रतिक्रिया आई है.
नवाब मलिक: नवाब मलिक को मेडिकल आधार पर जमानत दी गई थी. इसके बाद नवाब मलिक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उपस्थित हुए. सम्मेलन के दौरान नवाब मलिक अजित पवार के ग्रुप के साथ बैठे नजर आए. इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की. इस पत्र का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी समर्थन किया. इस पर अजित पवार ने सतर्क रुख अपनाया था. इसके बाद सभी का ध्यान इस बात पर था कि अगले दिन नवाब मलिक क्या भूमिका निभाएंगे. इस बीच नवाब मलिक के दफ्तर से प्रतिक्रिया आई है.
विधान भवन परिसर में पहुंचने के बाद नवाब मलिक एनसीपी कार्यालय में बैठे. इसके बाद तरह-तरह की चर्चाएं उठीं. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि मलिक के कार्यालय से जानकारी दी गई कि मलिक एनसीपी पार्टी कार्यालय में इसलिए बैठते थे क्योंकि एनसीपी पार्टी कार्यालय एक है और किसी समूह से संबंधित नहीं है. उनके कार्यालय ने बताया कि नवाब मलिक अभी भी तटस्थ स्थिति में हैं। है
इस बीच अजित पवार ने सतर्क रुख अपनाते हुए कहा कि वह खुद ही नवाब मलिक की भूमिका निभाएंगे. नवाब मलिक ने कहा है कि वह आज सत्र खत्म होने तक पूरे समय रहेंगे. बताया जाता है कि मलिक को अदालत ने मीडिया से बातचीत करने से रोक दिया है। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि वे सोशल मीडिया के जरिए अपना पक्ष रख सकते हैं.
एनसीपी विधायक नबाव मलिक कल शीतकालीन सत्र में शामिल हुए.. लेकिन कार्यवाही शुरू होने के बाद मलिक सीधे सत्ता पक्ष की बेंच पर सबसे आखिर में बैठे. चर्चा है कि मलिक ने अजित पवार के गुट का समर्थन किया है..चर्चा इस बात की भी थी कि जमानत पर छूटने के बाद नवाब मलिक किस गुट में शामिल होंगे. लेकिन आज अधिवेशन में प्रवेश करने के बाद मलिक सबसे पहले अजित पवार गुट के दफ्तर गए.. फिर उन्होंने शरद पवार गुट के विधायक अनिल देशमुख से मुलाकात की.. फिर मलिक की आधिकारिक भूमिका क्या होगी ये देखना अहम होगा…
ऐसी संभावना है कि एनसीपी विधायक नवाब मलिक के दम पर महागठबंधन में महाभारत शुरू हो जाएगी. क्योंकि उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर मलिक को सत्ता में शामिल करने का खुला विरोध किया है. पत्र में फड़णवीस ने यह स्थिति जाहिर की है कि नवाब मलिक को महागठबंधन में लेना ठीक नहीं होगा. मलिक पर देशद्रोह का आरोप है. बिजली आती है और जाती है. लेकिन फड़णवीस ने कहा है कि देश महत्वपूर्ण है…
दूसरी ओर, गिरीश महाजन ने भी यह रुख अपनाया है कि नवाब मलिक महायुति का समर्थन नहीं चाहते हैं. शिंदे गुट ने भी फड़णवीस की चिट्ठी का समर्थन किया है. तो अब अजित पवार गुट के खिलाफ बीजेपी और शिंदे गुट के बीच टकराव के संकेत मिल रहे हैं.
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