विश्व एड्स दिवस: हर साल 1 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस? जानिए इसके पीछे का मकसद और इस साल की थीम
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विश्व एड्स दिवस 2023: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन बता दें कि यह दिन 1 दिसंबर को ही माना जाता है
विश्व एड्स दिवस एचआईवी संक्रमण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने वाला एक विशेष दिन है।
इस बीमारी में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर खुद को बीमारियों से नहीं बचा पाता है। यह एचआईवी संक्रमण के कारण होता है।
विश्व एड्स दिवस पहली बार 01 दिसंबर 1988 को मनाया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग एचआईवी पॉजिटिव माने जाते हैं।
एड्स से बचाव के लिए लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर विश्व एड्स दिवस की शुरुआत की गई।
प्रत्येक वर्ष विश्व एड्स दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम लेट कम्युनिटीज़ लीड है।
लोगों को एड्स की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में जानकारी देने के लिए यह खास थीम चुनी गई है.
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