नई कार कैश की जगह लोन पर खरीदना बेहतर:डाउन पेमेंट के बाद बची रकम को अच्छी स्कीम में करें निवेश, यहां समझें पूरा गणित।
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नई कार नकद खरीदने से हर महीने EMI चुकाने का झंझट और सिर पर कर्ज का बोझ नहीं रहता। लेकिन लोन लेकर कार खरीदना फायदेमंद हो सकता है। डाउन पेमेंट के बाद बची रकम अच्छी स्कीम में निवेश करने से जितने वक्त में कार की EMI चुकेगी, उतने समय में लोन पर चुकाए गए ब्याज से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। आइए जानते हैं कैसे…
लॉन्ग टर्म निवेश न तुड़वाएं
यदि आपने लॉन्ग टर्म यानी 5 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश कर रखा है तो कार खरीदने के लिए इसे तुड़वाना ठीक नहीं है। हालांकि, यदि आपने वह निवेश कार खरीदने के लिए ही किया है तो बात अलग है।
बचत इमरजेंसी के लिए रखें
यदि आपके पास कार की कीमत एकमुश्त चुकाने लायक रकम है। तो इससे कार खरीदने के बजाय इमरजेंसी के लिए बचाकर रखें या लिक्विड फंड में निवेश करें। एक्सपर्ट्स के अनुसार हमेशा कम-से-कम छह महीनों के वेतन के बराबर इमरजेंसी फंड होना चाहिए।
लोन पर कार लेना ऐसे फायदेमंद
मान लीजिए आप 15 लाख रुपए की कार लेना चाहते हैं और आपके पास इतनी रकम है। आप चाहें तो 5 लाख डाउन पेमेंट करके 10 लाख निवेश कर सकते हैं। कई वित्तीय संस्थान 100% लोन भी देते हैं। आप पूरे 15 लाख निवेश करके, 15 लाख लोन ले सकते हैं।
15 लाख रुपए सालाना 12% रिटर्न के हिसाब से 7 साल में 33,16,022 हो जाएंगे। रिटर्न 9% मिले तो भी ये रकम 27,42,058 हो जाएगी। 15 लाख के कार लोन पर आपकी मासिक EMI 23,755 रुपए बनेगी और कुल 19,95,397 रुपए ही चुकाने होंगे। अगर आप 10 लाख निवेश करते हैं तो भी 12% रिटर्न के हिसाब से 7 साल में 22,10,681 रुपए हो जाएंगे।
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