क्या आप भी दिल से जुड़ी बातों को लेकर इन अफवाहों पर यकीन करते हैं…यहां जानें पूरी सच्चाई।
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हृदय स्वास्थ्य मिथक: जानकारी की कमी और कुछ अफवाहों के सच लोग दिल की सेहत का ठीक से मतलब नहीं रख पाते। आइए जानते हैं दिल से जुड़ी बातें के बारे में वो बातें जो बिल्कुल सच हैं।
हृदय स्वास्थ्य मिथक: हृदय शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। इसमें जरा सी गड़बड़ी हो जाए तो मानो जीवन खत्म हो जाए। वहीं इन दिनों हार्ट अटैक, दिल से जुड़े खतरे भी काफी बढ़ रहे हैं। इसके पीछे की वजह खराब लाइफस्टाइल और खान-पान तो है ही, साथ ही जागरूकता की कमी और तरह-तरह की बातों को भी बढ़ावा दे रही है। आइए जानते हैं दिल की शांति से जुड़ी कुछ ऐसी मिथ्या के बारे में जिन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
दिल से जुड़ी सीख लेकर लेकर आये मेरे दोस्त
लोगों का मानना है कि दिल की बीमारी सिर्फ पुरुषों में ही होती है। लेकिन यह सच नहीं है। ये महिलाओं में भी मौत का मुख्य कारण है। असल में हृदय रोग हर साल स्तन कैंसर की तुलना में अधिक महिलाओं की जान निकलती है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में भी पुरुषों की तरह ही दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल ही हृदय रोग के लिए जिम्मेदार – बहुत सारे लोगों का मानना है कि केवल उच्च वृद्धि से ही दिल की समस्या की संभावना मोटापा है। यह बात सही है कि कोलेस्ट्रॉल का कारण दिल की बीमारी है। लेकिन यह सिर्फ इकलौता कारण नहीं है. बीपी, धूम्रपान, सिगरेट, दिल की सेहत का पारिवारिक इतिहास, मोटापा, शारीरिक व्यायाम में कमी भी इसके कारण हो सकते हैं। जिन लोगों का अस्थमा कम होता है। उनमें भी दिल की स्थिति की संभावना कम होती है.
हृदय रोग के बाद लक्षण दिखाना सही नहीं है- बहुत से लोगों का मानना है कि हृदय रोग होने का कारण अब वह निदान नहीं कर सकते हैं। लेकिन ये बिल्कुल सच नहीं है. नियमित रूप से जरूरी है. हृदय के घटकों को मजबूत बनाने और रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि दिल के मरीजों को इन्टेंस प्लान की मनाही होती है। ऐसे में किसी भी तरह से शुरुआत करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
हृदय रोग में मोटापे की बीमारी होती है- हृदय रोग में वसा की कमी होती है। यह बिल्कुल सच नहीं है. हमारे भोजन में चार अलग-अलग तरह की चीज़ें होती हैं और सभी की चाहत नहीं होती। सबसे ज्यादा नुकसान ऑर्केस्ट्रा वाले आर्टिस्टिक रूप से बनाए गए ट्रांस वसा हैं। ट्रांस वसा ही खराब एल डेल चॉकलेट के स्तर को पेश किया जाता है।प्लांट बेस्ड एनसैचुरेड फैट दिल के लिए अच्छा होता है।
लोगों का मानना है कि जब तक आप अच्छा महसूस कर रहे हैं तब तक आपका दिल स्वस्थ है। लेकिन इस भ्रम में सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि दिल की बस्ती बढ़ जाती है. बार-बार कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। जब तक लक्षण लक्षण हैं तब तक बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए नियमित जांच करवाकर ब्लॉकचेन से बचाया जा सकता है।
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