कठीण परिस्थिती में परिवार का साथ हमें आगे बढने की उर्जा देता है ! – सत्यजीत संतोष गायकवाड |
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लोग कहते है कठीनाईयों के पहाड़ चिर कर ही सत्य उजागर होता है, चाहे कितनी भी मुश्कीलें आए, अंतीम विजय सत्य की होती है, सत्यजीत संतोष गायकवाड अपनी अनोखी सुनहरे भविष्य का सपना लिए अहमनगर के चिंभळे इस छोटे से गांव को छोड कर पुणे की और निकलपडे वहॉं मॅकेनिकल इंजिनीयरींग की पढाई उन्होने पुरी की, बचपन से ही सत्यजीत ने अपने साधारण परिवार की छोटी छोटी समस्याओ से जॅुजते देखा था, सत्यजीत ने मन में ठान लिया था, मै भुतकाल तो नही बदल सकता लेकीन मुझे परिवार का भविष्य बदलना है !
सत्यजीत को बचपन से ही बिझनेस में अधीक रूची थी, कॉलेज में पढाई के दौरान वे अक्सर बिझनेस की बातें करते थे! 2019 में डिग्री हासील करने के बाद जब उनके दोस्त जॉब ढुंडने में व्यस्त थे, उस वक्त सत्यजीत के दिमाग में कुछ एैसा चल रहा था |जीससे वे जॉब करनेवाले नही बल्की जॉब देनेवाले बने, बहुत सर्च करने के बाद उन्होंने फोम यानी स्पंज के बिझनेस में आगे बढने का फैसला लिया, लेकीन सवाल ये था, क्या करे? कैसे शुरूआत करे ? पैसे कहॉं से लाए ? लेकीन जब इरादा पक्का हो तो हर मुश्कील आसान हो जाती है, सत्यजीत ने पीता संतोषजी गायकवाड से अपने दिल की बात कही तो उन्होने हामी भरते हुवे बेटे का हौसला बढायॉ और परिवार ने पुरा सहयोग देने का वादा भी किया, पापा का साथ मिलते ही सत्यजीत के सपनों कों मानो नयी राह मील गई, और आरंभ हुआ एस.एस.फोम ईन्डस्ट्रीज का !
काफी समस्याओ का सामना करने के बाद आखीरकार 25 ऑक्टोबर 2020 में बिझनेस शुरू हुआ, घरपरीवार के पैसे, पीताजी के पैसे सारी पुंजी लगाकर बिझनेस तो शुरू हो चुका था, लेकीन उसे आगे बढाने के लिये और पैसो की जरूरत थी, बैंको में लोन के लिए एप्लीकेशन किया था, लेकीन वहॉ से कोई जवाब नही मिल रहा था, अनेक समस्यायें सामने आती रही, एक एक कर के समस्याओ का हल ढुंडने की कोशिश होती रही, और उसी दौरान सत्यजित को एक बडी परिक्षा का सामना करना था, कोरोना की महामारी ने पुरी दुनियॉं को अपनी चपेट में ले लीयॉ, उस समय डटकर खडे रेहना और कठीन परिस्थितियों में खुदको संभालना बडा ही मुश्किल था, लेकीन सत्यजीत ने कभी हारना नही सिखा था, वे लडते रहे धिरे धिरे आगे बढते रहे !
कुछ महिने बितने के बाद परिस्थितियों में सुधार होने लगी, और आशा की नई किरण नजर आने लगी, सत्यजीत ने उस दौरान काफी सोचविचार करने के बाद एक पॉलिसी बनाई जीसके जरीयें उन्होनें सेल्स और मार्केटिंग के बलबुतेपर नये कस्टमर ढूढ़ना शुरू कीया, धिरे धिरे सेल बढने लगा, उन्होने आधुनिक दुनिया के तरीकों का आजमाना शुरू किया |


लेखक: सचिन आर.जाधव
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