Income Tax का 5000 लोगों पर 43 लाख करोड़ बकाया, दिल्ली-मुंबई में सबसे ज्यादा अटका है पैसा।
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इनकम टैक्स विभाग का मकसद टैक्स वसूली में सुधार करना और मुकदमेबाजी में फंसी राशि को कम करना है. विभाग ने हायर रैंक वाले अधिकारियों को स्पेशल टीम का गठन करने का आदेश दिया है, ताकि बड़े बकाया के मामलों को जल्दी से जल्दी सुलझाया जा सके.
इनकम टैक्स विभाग (income tax department) की तरफ से इस बार आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई तय की थी. आखिरी तारीख तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना रिटर्न फाइल किया था. इसके बाद विभाग की तरफ से आईटीआर की जांच के बाद रिफंड का प्रोसेस चल रहा है. अब इनकम टैक्स विभाग ने अधिकारियों को टॉप 5,000 मामलों पर फोकस करने के लिए कहा है, इन पर करीब 43 लाख करोड़ रुपये के टैक्स का हिसाब बाकी है.
स्पेशल टीम का गठन करने का निर्देश
इनकम टैक्स विभाग का मकसद टैक्स वसूली में सुधार करना और मुकदमेबाजी में फंसी राशि को कम करना है. विभाग की तरफ से हायर रैंक वाले अधिकारियों को स्पेशल टीम का गठन करने का निर्देश दिया गया था, ताकि मामलों का एनालिसिस करके सितंबर के अंत तक लिस्ट को सीबीडीटी (CBDT) को भेजा जा सके. टैक्स से जुड़े कई तरह के मामले मुकदमेबाजी में लटके हुए हैं. इनमें से ज्यादा बकाया वाले मामलों में तेजी लाई जाएगी.
केंद्र सरकार का रेवेन्यू जेनरेशन पर फोकस
दस साल पुराने मामलों का एसेसमेंट करने और इन्हें तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए. ऐसे मामलों में जहां टैक्सपेयर्स का पता नहीं चल पाता, वहां अलग-अलग रणनीति तैयार करने की जरूरत है. टैक्स डिमांड पर फोकस करना अहम केंद्रीय कार्रवाई योजना में से एक है. मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए अधिकारियों को यह टास्क दिया गया है. दरअसल, केंद्र सरकार अपने बड़े खर्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेवेन्यू जेनरेशन पर ज्यादा फोकस करना चाहती है.
8 लाख करोड़ की रिकवरी का टारगेट
विभाग की तरफ से 16.7 लाख करोड़ रुपये के कलेक्शन का अनुमान लगाया गया है. इनमें से 8 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी का टारगेट सेट किया गया है. इसमें से करीब 35% (2.8 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा मुंबई से आने का लक्ष्य है. इसके बाद दिल्ली से 86,692 करोड़ रुपये और बाकी तमिलनाडु व पुडुचेरी से आने की उम्मीद है.
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