शेयर बाजार में गिरावट के 5 मुख्य कारण; सेंसेक्स में 1,400 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 400 अंकों की गिरावट आई।
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फरवरी माह और सप्ताह के आखिरी दिन आज शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई।
सप्ताह के आखिरी दिन आज शेयर बाजार में भारी उत्साह देखा गया। पिछले सितंबर से बाजार में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों का 18 प्रतिशत लाभ नष्ट हो गया है। पिछले साल 26 सितंबर 2024 को बाजार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। उसके बाद आज सेंसेक्स में 16 फीसदी (12,256 अंक) और निफ्टी में 18 फीसदी (3,991 अंक) की गिरावट आई है। बीएसई सेंसेक्स में आज 1,400 अंकों की गिरावट आई और सूचकांक 73,201 पर बंद हुआ। इस बीच, निफ्टी 426 अंक गिरकर 22,119 पर बंद हुआ। कहा जाता है कि आज की गिरावट के पीछे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कारण हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांकों में रिकॉर्ड गिरावट से निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। इस गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति आज 6.72 लाख करोड़ रुपये घटकर 386.38 लाख करोड़ रुपये रह गई। आज सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में गिरावट देखी गई। आईटी, ऑटो, मीडिया और टेलीकॉम शेयरों में बिकवाली की मार पड़ी। प्रत्येक शेयर में 2 से 3 प्रतिशत तक की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई।
1. अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से चिंता बढ़ी
अमेरिका के कमजोर जीडीपी आंकड़ों ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है और इसका असर दुनिया भर के बाजारों पर महसूस किया जा रहा है। चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद केवल 2.3 प्रतिशत था, जो अपेक्षा से काफी कम था। इससे अमेरिकी शेयर बाजार कमजोर हुआ है। जिसके कारण विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से निवेश वापस ले रहे हैं।
2. डोनाल्ड ट्रम्प के आयात कर बढ़ाने के निर्णय के परिणाम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि 4 मार्च से मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। चीन से आने वाले सामान पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त आयात कर भी लगाया जाएगा। ट्रम्प ने यूरोपीय संघ के सामानों पर 25 प्रतिशत आयात कर लगाने की भी धमकी दी है।
3. विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बिक्री
पिछले कुछ दिनों से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अपना निवेश निकालने में जुटे हुए हैं। फरवरी में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 46,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जनवरी में 1.33 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए। इससे बाजार में तीव्र गिरावट आ रही है। इस बिकवाली से रुपए पर दबाव बढ़ रहा है। इसी प्रकार, अब रुपये के मूल्य में और गिरावट आने की आशंका है।
4. आईटी सेक्टर में बड़ी गिरावट
आज बाजार में आईटी शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। एनवीडिया जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में तीव्र गिरावट से भारतीय आईटी क्षेत्र भी प्रभावित हुआ। आईटी क्षेत्र में 4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। टेक महिन्द्रा, एमफैसिस, परसिस्टेंट सिस्टम्स का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। आईटी कंपनियों को और अधिक नुकसान हो सकता है क्योंकि अगले कुछ दिनों में अमेरिकी बाजार में गिरावट आने की उम्मीद है।
5. जीडीपी रिपोर्ट का इंतजार
भारतीय निवेशक तीसरी तिमाही की जीडीपी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। जिसके कारण बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। अर्थशास्त्रियों के अनुमान के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 6.8 प्रतिशत का अनुमान लगाया था। यह संख्या उससे थोड़ी कम है।
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