दिल्ली सरकार के स्कूलों में 8वीं में 46,622 बच्चे फेल, जानिए क्या है इसकी वजह.
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दोबारा परीक्षा में पास होने के लिए हर सब्जेक्ट में 25 फीसदी नंबर जरूरी हैं, ऐसा न करने पर छात्र को ‘रिपीट कैटेगरी’ में डाल दिया जाएगा.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 9वीं क्लास में पढ़ने वाले एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स सालाना परीक्षा में फेल हो गए. इसी तरह आठवीं में 46 हजार और 11वीं में 50 हजार से ज्यादा बच्चे सालाना परीक्षा पास नहीं कर सके.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीटीआई भाषा संवाददाता द्वारा दायर एक आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी है. दिल्ली में 1,050 सरकारी स्कूल और 37 डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एकेडमिक ईयर 2023-24 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 9वीं क्लास में पढ़ने वाले 1,01,331 बच्चे फेल हो गए, जबकि 2022-23 में 88,409, 2021-22 में 28,531 और 2020-21 में 31,540 छात्र फेल हुए.
डीडीई के मुताबिक, शिक्षा के अधिकार के तहत ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ रद्द होने के बाद शैक्षणिक सत्र 2023-24 में आठवीं कक्षा में 46,622 छात्र फेल हो गए.
दिल्ली शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त बताया, “दिल्ली सरकार की नई ‘प्रमोशन पॉलिसी’ के तहत, यदि पांचवीं से आठवीं कक्षा के छात्र सालाना परीक्षा में असफल हो जाते हैं, तो उन्हें अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, लेकिन उन्हें दोबारा परीक्षा के जरिए दो महीने के भीतर अपना प्रदर्शन सुधारने का एक और मौका मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि दोबारा परीक्षा में पास होने के लिए हर सब्जेक्ट में 25 फीसदी नंबर जरूरी हैं, ऐसा न करने पर छात्र को ‘रिपीट कैटेगरी’ में डाल दिया जाएगा, जिसका मतलब है कि छात्र को अगले सेशन तक उसी क्लास में रहना होगा.
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