‘शेयर बाजार में 30 लाख करोड़ का घाटा, लेकिन मुनाफा सिर्फ 521 करोड़’; बढ़ेगी अमित शाह की मुश्किलें?
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पूंजी बाजार को नियंत्रित करने वाली संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी ‘सेबी’ के अधिकारियों से मुलाकात के बाद लोकसभा नतीजे से पहले और बाद की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
‘भारत’ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में शिकायत दर्ज कराई है। आज ‘भारत’ के प्रमुख नेताओं ने मुंबई में ‘सेबी’ के दफ्तर जाकर अधिकारियों से मुलाकात की और इस बात की जांच करने की मांग की कि क्या इसका भारत के नेताओं से कोई संबंध है. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अक्सर शेयर बाजार में निवेशकों से नतीजे की तारीख यानी 4 जून को ज्यादा शेयर खरीदने के बयान दिए थे. उसी पृष्ठभूमि में यह शिकायत दर्ज करायी गयी है.
हम सेबी पर विश्वास करते हैं
शिंदे गुट के सांसद अरविंद सावंत, कांग्रेस की विद्या चव्हाण समेत सागरिका घोष, साकेत गोखले, तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी सभी ने ‘इंडिया’ फ्रंट की ओर से ‘सेबी’ कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा. इन नेताओं का आरोप है कि शेयर बाजार से जुड़े लेनदेन में जानबूझ कर हेरफेर किया गया. दौरे के बाद ‘सेबी’ के अधिकारियों ने सबसे पहले पूछा कि ‘सेबी’ का काम कैसा चल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि ‘सेबी’ वास्तव में क्या करता है. इंडिया अलायंस के नेताओं ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हमने सेबी अधिकारियों से कहा कि हम जांच की मांग करने आए हैं क्योंकि हमें सेबी पर भरोसा है।”
30 लाख करोड़ का घाटा लेकिन फायदा सिर्फ एक महिला को
तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी ने मीडिया को सेबी अधिकारियों की बैठक की जानकारी देते हुए असल में क्या हुआ इसकी जानकारी दी. “लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर, एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद शेयर बाजार में तेजी आई। क्या इन एग्जिट पोल संगठनों का राजनीतिक नेताओं के साथ कोई संबंध है? गिरते बाजार में एग्जिट पोल के दिन तेजी आई और फिर गिरावट आई। निवेशकों को 24 घंटों में 30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ लेकिन चंद्रबाबू नायडू की पत्नी 521 ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें राजनीतिक नेताओं या उनके परिवारों ने चुनावों के दौरान बहुत पैसा कमाया, अमित शाह ने अक्सर कहा कि उन्हें 4 तारीख के बाद लाभ मिलेगा देश क्यों?” कल्याण बनर्जी ने कहा कि जांच की मांग की गयी है.
क्या उनका नेताओं से कोई रिश्ता है?
कल्याण बनर्जी ने यह भी कहा कि विपक्ष कह रहा है कि एग्जिट पोल सत्ताधारी मीडिया ने कराए हैं. “हम लोगों के बीच विश्वास कायम करना चाहते हैं। इसलिए जांच की जरूरत है। यह गड़बड़ी किसने और क्यों की? अगर ऐसे एग्जिट पोल जारी रहे तो भविष्य में ऐसा दोबारा हो सकता है। क्या ये एग्जिट पोल राजनीतिक नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए कराए जाते हैं? कौन क्या इन सभी संस्थानों में लोग राजनीतिक नेताओं के साथ संबंध रखते हैं? वे किस आधार पर एग्ज़िट पोल लेते हैं?” कल्याण बनर्जी ने मीडिया को बताया कि ‘सेबी’ को सूचित किया गया है कि भारत अघाड़ी की मांग की जांच की जानी चाहिए. इस शिकायत से अमित शाह की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है. लेकिन अब यह देखना अहम होगा कि सेबी इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी.
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