अगले 5 साल में बन सकते हैं 147 यूनिकॉर्न:बीते 23 साल में 83 ही बने, देश में अभी 51 चिंकारा और 96 चीता स्टार्टअप।
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देश में नई कंपनियों या स्टार्टअप्स के बड़ी कंपनियों में तब्दील होने की रफ्तार तेज हो रही है। आस्क प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2023 के मुताबिक, अगले 5 साल के भीतर 147 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकते हैं। इनमें से भी 51 स्टार्टअप ऐसे हैं जो अगले 3 साल में ही यूनिकॉर्न बन सकते हैं।
मंगलवार को जारी हुरुन इंडिया की लिस्ट में साल 2000 के बाद स्थापित स्टार्टअप शामिल किए गए हैं। इस लिहाज से 23 साल में देश में 83 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने। यानी हर साल औसतन 3-4 यूनिकॉर्न बने हैं। अगले 5 साल में यह रफ्तार कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि कई अन्य स्रोतों के मुताबिक, देश में अभी 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।
देश में अभी 51 चिंकारा, 96 चीता स्टार्टअप
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी 83 यूनिकॉर्न, 51 चिंकारा (गजेल) और 96 चीता स्टार्टअप्स हैं। पिछले साल 84 यूनिकॉर्न, 51 चिंकारा और 71 चीता थे। फ्यूचर यूनिकॉर्न का कुल मूल्य 4.67 लाख करोड़ रुपए है, जो बीते साल से 16% ज्यादा है। इस लिस्ट में कुछ और नए फ्यूचर यूनिकॉर्न जुड़ गए हैं।
क्या हैं यूनिकॉर्न, चिंकारा और चीता स्टार्टअप?
यूनिकॉर्न: 2000 के बाद स्थापित स्टार्टअप्स, जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है।
चिंकारा: ये वे स्टार्टअप होते हैं, जिनके अगले 3 साल के भीतर यूनिकॉर्न बनने की संभावना है।
चीता: इस कैटेगरी में आने वाले स्टार्टअप्स अगले 5 सालों के भीतर यूनिकॉर्न बन सकते हैं।
क्या होते हैं स्टार्टअप?
स्टार्टअप एक ऐसी कंपनी होती है जिसने अभी कामकाज शुरू किया है। आप अकेले या कुछ लोगों के साथ मिलकर कंपनी की नींव रखते हैं, जिसे इनक्युबेशन कहते हैं। यहां पर लोग अपनी-अपनी कुशलता और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। नए कारोबारी आइडिया पर मिलकर काम करते हैं। इस तरह की कंपनी के जरिए ग्राहकों को एक यूनीक प्रोडक्ट या सर्विस दी की जाती है। स्टार्टअप सफल होने के बाद एक बड़ी कंपनी के तौर पर अपनी पहचान बना लेते हैं।
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