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    April 16, 2025

    151 के जवाब में 145 प्रतिशत… अमेरिका-चीन की टैरिफ वॉर में कौन किसको लूट रहा, आंकड़े देखेंगे तो होश उड़ जाएंगे।

    1 min read
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    अमेरिका ने जब चीनी सामान पर टैरिफ बढ़ाकर 54 पर्सेंट किया था, तब अमेरिकी सामानों पर टैरिफ 100 पर्सेंट को क्रॉस कर गया था, जिसकी वजह ये है कि चीन पहले से लागू हाई टैरिफ पर एडिशनल टैरिफ लगा रहा है.

    चीनी एक्सपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाया गया तो सब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फोड़ने लगे कि उनके फैसले ने मार्केट में आग लगा दी है. हर तरफ ये चर्चा तो है कि अमेरिका ने कितना टैरिफ बढ़ा दिया, अगर चीन की टैरिफ पॉलिसी देखेंगे तो पता चलेगा कि शी जिपनपिंग अभी भी ट्रंप के मुकाबले 7 पर्सेंट ज्यादा टैरिफ वसूल रहे हैं. अमेरिका ने चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 145 पर्सेंट कर दिया है, जबकि अमेरिकी एक्सपोर्ट पर चीनी टैरिफ बढ़कर 151 पर्सेंट पर पहुंच गया है.

    अप्रैल की शुरुआत में दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर शुरू हुई, लेकिन उससे पहले तक अमेरिका सिर्फ 10 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा था, जबकि चीन 67 पर्सेंट वसूल रहा था. फिर जब अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाना शुरू किया तो चीन भी पीछे नहीं रहा, उसने हर बार रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया. मतलब एक तो वह पहले से 57 पर्सेंट ज्यादा टैरिफ वसूल रहा था, जिसके जवाब में अमेरिका ने सिर्फ 34 पर्सेंट ही टैरिफ लगाने की घोषणा की थी यानी 10 पर्सेंट पहले का और 34 पर्सेंट एडिशनल टैरिफ के बाद भी अमेरिका सिर्फ 44 प्रतिशत टैरिफ ही लगा रहा था.

    2 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों पर टैरिफ की घोषणा की, जिसमें चीन पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया. चीन ने भी जवाब में 34 पर्सेंट का एडिशनल टैरिफ लगा दिया. ट्रंप ने जिनपिंग को एडिशनल टैरिफ वापस लेने के लिए 24 घंटों का अल्टीमेटम भी दिया, लेकिन वह पीछे नहीं हटे. इसके बाद दोनों के बीच टैरिफ वॉर शुरू हो गई. अब एक टैरिफ लगाता है तो उतना ही दूसरा भी लगा देता है पर यहां समझने वाली बात ये है कि एडिशनल टैरिफ के बाद भी अमेरिका चीन के मुकाबले कम टैरिफ वूसल रहा है. चीन अमेरिका के एडिशनल टैरिफ के जवाब में टैरिफ बढ़ा रहा है, लेकिन अब सालों से वह काफी ज्यादा टैरिफ ले रहा था.

    आइए समझते हैं कौन वसूल रहा है ज्यादा टैरिफ-
    2 अप्रैल से पहले- चीन अमेरिकी सामानों पर 67 प्रतिशत टैरिफ लगाता था, जबकि अमेरिका 10 पर्सेंट टैरिफ चीनी गुड्स पर लगाता था. ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कई बार चीन के हाई टैरिफ का जिक्र किया था और कहा था कि चीन दशकों से यूएस इकोनॉमी को लूट रहा है इसलिए अमेरिका को चीन की बराबरी करनी चाहिए.

    2 अप्रैल- 2 अप्रैल को अमेरिका ने लिबरेशन डे मनाया और अपने व्यापार घाटे को कम करने और विनिर्माण को बढ़ाने के लिए टैरिफ शुल्क की घोषणा की. ट्रंप ने इसे सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ बताया. उनका कहना था कि ये देश पहले से ही अमेरिका के मुकाबले ज्यादा टैरिफ लगा रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मामले में थोड़ी दया दिखाएगा और दूसरे मुल्क जितना टैरिफ लगा रहे हैं, वो उसका आधा ही लागू करेंगे. उस समय तक चीन 67 पर्सेंट टैरिफ लगा रहा था तो ट्रंप ने चीनी सामानों पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की. इस तरह चीन पर 10+34=44 प्रतिशत टैरिफ हो गया.

    2 अप्रैल के बाद- डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के थोडी देर बाद ही वाइट हाउस ने एक बयान जारी किया कि अमेरिका सभी देशों पर 10 पर्सेंट टैरिफ लगाएगा. बयान में कहा गया कि व्यापार घाटे के कारण सुरक्षा चिंताओं से उत्पन्न नेशनल इमरजेंसी की वजह से अमेरिका सभी देशों पर बेसलाइन 10 पर्सेंट टैरिफ लगाएगा, जिसके बाद चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़कर 10+34+10=54 पर्सेंट पर पहुंच गया. हालांकि, यूएस टैरिफ चीन के 67 प्रतिशत टैरिफ से अभी भी कम था.

    4 अप्रैल- अमेरिका के टैरिफ पर चीन ने भी 48 घंटे बाद 34 पर्सेंट के एडिशनल टैरिफ की घोषणा की क्योंकि उसका कहना था कि अमेरिका के इस कदम का चीनी एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा. चीन के एक्शन के बाद ट्रंप ने सभी देशों को चेतावनी दी कि वह जवाबी कार्रवाई न करें, वरना उनको और भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. 34 पर्सेंट के टैरिफ के बाद अमेरिकी सामानों पर टैरिफ 100 पर्सेंट के ऊपर चला गया, जबकि अमेरिका उसके आधे पर ही था. अमेरिकी सामानों पर टैरिफ 67+34=101 पर्सेंट हो गया, जबकि चीनी गुड्स पर अमेरिका 54 पर्सेंट ही ले रहा था.

    7 अप्रैल और 8 अप्रैल- 4 अप्रैल की घटना के बाद दोनों के बीच न सिर्फ टैरिफ वॉर छिड़ गई बल्कि पूरी ग्लोबल मार्केट हिल गई. कई बड़ी कंपनियों के शेयर गिर गए. इस सबके बावजूद ट्रंप और जिनपिंग पीछ नहीं हटे. ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी कि या तो वो 24 घंटे के अंदर 34 पर्सेंट टैरिफ वापस ले ले वरना 9 अप्रैल से 50 पर्सेंट का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. हालांकि, शी जिनपिंग पीछे नहीं हटे, बल्कि उन्होंने घोषणा कर दी कि वह अंत तक लड़ेंगे और वह अपने रुख पर कायम हैं. उन्होंने अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी को ब्लैकमेलिंग भी बताया. इसके बाद ट्रंप ने अपनी धमकी के अनुसार 50 पर्सेंट टैरिफ बढ़ा दिया और चीनी सामानों पर टैरिफ 54+50=104 पर्सेंट हो गया.

    9 अप्रैल- अमेरिका के 50 पर्सेंट टैरिफ पर चीन ने भी 50 पर्सेंट की घोषणा की और इस तरह 67 पर्सेंट पर उसने 84 पर्सेंट अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया. वहीं, अमेरिका ने 104 पर्सेंट टैरिफ को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया.

    11 अप्रैल- ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका चीनी सामान पर 145 पर्सेंट टैरिफ लगाएगा, इसमें 20 पर्सेंट फेंटेनिल एक्सपोर्ट पर लागू 20 पर्सेंट टैरिफ भी शामिल है. अब चीन ने अमेरिका के 125 पर्सेंट टैरिफ के जवाब में कहा है कि वह भी अमेरिकी गुड्स पर 125 पर्सेंट टैरिफ लगाएगा.

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