14 दिन, 37 ट्रांजेक्शन… CRED को कैसे लगा 12 करोड़ रुपये का चूना, आप भी हो जाए अलर्ट!
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मुंबई और बेंगलुरु बेस्ड ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर ने रिपोर्ट किया कि उसके एक्सिस बैंक के दो अकाउंट पहला करंट और दूसरा नोडल अकाउंट दोनों 2021 में खोले गए. इन दोनों अकाउंट से 12.2 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से निकाले गए.
बेंगलुरु पुलिस ने पेमेंट प्लेटफॉर्म क्रेड की मूल कंपनी से 12 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारियां ड्रीमप्लग पेटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Dreamplug Paytech Solutions Private Limited) के एक अधिकारी की शिकायत के बाद हुई हैं. गिरफ्तार आरोपियों में एक्सिस बैंक का एक रिलेशनशिप मैनेजर भी है, जिस पर धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. ड्रीमप्लग पेटेक लिमिटेड क्रेड की मूल कंपनी है. कंपनी के अधिकारी नरसिम्हा वासंत शास्त्री की तरफ से खाते से गलत ट्रांजेक्शन को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी.
इन लोगों को हिरासत में लिया
पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में एक एक्सिस बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर है, जिस पर धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है. हिरासत में लिये गए लोगों में राजकोट की एक्सिस बैंक का ब्रांच रिलेशनशिप मैनेजर वैभव पिठड़िया, सूरत की बैंकिंग एजेंट पारमार नेहा बेन विपुलभाई, राजकोट का बीमा एजेंट और पिठड़िया का सहकर्मी शैलेश के अलावा राजकोट के ही कमीशन एजेंट शुभम शामिल हैं.
आरोपियों ने क्रेड अकाउंट से कैसे लगाया चूना?
पिछले महीने, ड्रीमप्लग के अधिकारियों ने कंपनी के अकाउंट में संदिग्ध लेनदेन की जानकारी होने पर इसका पता लगाया. मुंबई और बेंगलुरु बेस्ड ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर ने रिपोर्ट किया कि उसके एक्सिस बैंक के दो अकाउंट पहला करंट और दूसरा नोडल अकाउंट दोनों 2021 में खोले गए. इन दोनों अकाउंट से 12.2 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से निकाले गए. ये पैसा 14 दिन के अंदर 37 अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिये निकाला गया है.
कैसे हुआ ये सब?
एक्सिस बैंक ने ड्रीमप्लग को एक कॉर्पोरेट आईडी के साथ चार यूजर आईडी जारी किए थे. कंपनी ने इनमें से केवल दो को ही एक्टिवेट किया और बाकी दो को यूज नहीं किया. हालांकि, जांच से सामने आया कि आरोपियों ने एक्सिस बैंक की अकाउंट डिटेल में हेरफेर करके ड्रीमप्लग के बैंक अकाउंट तक गलत तरीके से पहुंच हासिल की. बताया गया कि उन्होंने जाली हस्ताक्षर, मुहर और बोर्ड प्रस्तावों सहित नकली दस्तावेज जमा करके अकाउंट तक पहुंच हासिल की. इसके अलावा उन्होंने खातों से जुड़े रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बदलाव के बदलाव का भी अनुरोध किया.
15.2 करोड़ निकालने की कोशिश नहीं हुई कामयाब
अक्टूबर और नवंबर के बीच, कुल 37 बार ये पैसा निकाला गया. इस दौरान उन्होंने 15.2 करोड़ निकालने की कोशिश की. लेकिन वे 12.2 करोड़ रुपये निकालने में ही कामयाब हो पाए. पहली बार उन्होंने 22 जुलाई को गुजरात के अंकलेश्वर में एक्सिस बैंक की ब्रांच में जाकर खाते की जानकारी बदलने की कोशिश की. इसके बाद 12 अक्टूबर को सूरत के अब्रामा में दूसरी ब्रांच जाकर फिर से अकाउंट डिटेल बदलने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि संदिग्ध पर्सनल ईमेल आईडी के जरिये सब्मिट किये गए दोनों अनुरोध को लेकर बैंक को अलर्ट होना चाहिए था क्योंकि ड्रीमप्लग बेंगलुरु से संचालित होती है.
इसके बावजूद, एक्सिस बैंक ने गुजरिश के आधार पर डिटेल को अपडेट कर दिया. इसके बाद आरोपी अपडेटेड डिटेल पर गए ओटीपी को इंटरसेप्ट करने और देशभर में कई खातों में लेनदेन को अधिकृत करने में सक्षम हो गए. पुलिस ने बताया कि जालसाजी में यूज किए गए फर्जी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर में vrvithal098@gmail.com, utsavmaterial76@gmail.com, 9662369909 और 8469158856 शामिल थे. पुलिस ने कंपनी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि आरोपियों ने इस एक्सेस का यूज खातों से पैसा निकालने और फंड को अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए किया.
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