10वीं पास की, स्टेशन पर रातें गुजारी… सिर्फ 1000 रुपए से कारोबार शुरू किया, आज 84216 करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा कर दिया।
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अगर आप सोचते हैं कि बड़ा बिजनेसमैन बनने के लिए आपके पास बड़ी डिग्री और विदेशी शिक्षा होनी चाहिए, तो इस व्यक्ति ने आपकी यह धारणा भी बदल दी। दसवीं तक की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत और प्रतिभा से अपना व्यवसाय खड़ा किया।
कहते हैं कि संघर्ष की रात जितनी अंधेरी होती है, सफलता का सूरज उतना ही चमकता है। यह कहावत उद्योगपति सत्यनारायण नुवाल पर सटीक बैठती है। आज उनकी सफलता जितनी महान लगती है, उसके पीछे का संघर्ष भी उतना ही महान है। बिना थके या हार माने उन्होंने सालों तक संघर्ष जारी रखा, वरना दसवीं पास लड़का आज 84,216 करोड़ रुपए की कंपनी का मालिक न बन पाता।
सत्यनारायण नुवाल कौन हैं?
सत्यनारायण नांदला एक प्रसिद्ध उद्योगपति हैं। उनकी कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज औद्योगिक विस्फोटक और गोला-बारूद बनाती है। आज उनकी कंपनी 65 देशों में कारोबार करती है। वे औद्योगिक विस्फोटकों और डेटोनेटरों के सबसे बड़े उत्पादकों में गिने जाते हैं। आज लाखों करोड़ों रुपए का टर्नओवर वाली इस कंपनी की शुरुआत महज 1000 रुपए से हुई थी।
मैंने केवल 10वीं पास की है।
अगर आप सोचते हैं कि बड़ा बिजनेसमैन बनने के लिए बड़ी-बड़ी डिग्रियां और विदेशी शिक्षा जरूरी है, तो सत्यनारायण नुवाल ने यह धारणा भी बदल दी। दसवीं तक की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत और प्रतिभा से यह व्यवसाय स्थापित किया।
एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे
राजस्थान के भीलवाड़ा में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे सत्यनारायण के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे आगे की शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसलिए उन्होंने दसवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। दादाजी की एक छोटी सी किराने की दुकान थी और उन्होंने उसमें मदद करना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि भले ही वे इतना कमा लें, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा।
1000 रुपए से की थी शुरुआत
सत्यनारायण नुवाल ने स्याही का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वह ठप्प हो गया। कई छोटे और बड़े व्यवसाय शुरू किये गये, लेकिन वे असफल होते रहे। कई बार पराजित होने के बावजूद उन्होंने प्रयास जारी रखा। सत्यनारायण नुवाल की शादी 19 साल की उम्र में हो गई थी। इसी दौरान शादी की नई जिम्मेदारियों के कारण उन्हें राजस्थान से महाराष्ट्र के बल्लारशाह में जाना पड़ा। यहां उनकी मुलाकात अब्दुल सत्तार अल्लाह भाई से हुई। नुवाल को पता चलता है कि अब्दुल के पास विस्फोटक लाइसेंस और मैगजीन है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल नहीं करता है। मैंने उनसे 1000 रुपये में लाइसेंस खरीदा। पैसे नहीं थे तो उसने अब्दुल को थोड़ा-थोड़ा करके देने का वादा किया और लाइसेंस लेकर कारोबार शुरू कर दिया।
कई रातें स्टेशन पर बिताईं
बिना किसी अनुभव और बड़े बैंक बैलेंस के औद्योगिक विस्फोटक उद्योग में प्रवेश करना आसान नहीं था। कई बार तो आर्थिक संकट इतना बढ़ जाता था कि उनके पास अपने कमरे का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं बचते थे। भोजन या किराये के लिए पैसे न होने के कारण उन्हें कई रातें रेलवे स्टेशनों पर बितानी पड़ीं। तमाम कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे उसका कारोबार चल निकला। 1995 में उन्होंने एसबीआई से 60 लाख रुपये का ऋण लिया और एक छोटी विस्फोटक विनिर्माण इकाई स्थापित की, जिसका कोल इंडिया लिमिटेड उनका वफादार ग्राहक बन गया।
सही समय पर सही व्यवसाय में पैसा निवेश करना
वे समझ गए कि भविष्य सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा का होगा। विस्फोटकों के बाद उन्होंने 1996 में सौर ऊर्जा शुरू की। उन्होंने सोलर एनर्जी इंडस्ट्रीज के साथ अपना कारोबार बढ़ाया। आज उनकी कंपनी में 7,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत से उन्होंने करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 4.4 बिलियन डॉलर है, जो लगभग 3,80,28,10,00,000 रुपये है। उनकी कंपनी का मार्केट कैप 84,216 करोड़ के करीब पहुंच गया है।
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