हिंदू महाकाव्यों से प्रभावित एसएस राजामौली ने कहा: धर्म एक प्रकार का शोषण है
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एसएस. राजामौली की फिल्म आरआरआर दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। यह फिल्म भारतीय सिनेमाघरों से उतर चुकी है, लेकिन अब विदेशों में धूम मचा रही है। हाल ही में निर्देशक ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया साक्षात्कार में आरआरआर की सफलता और निर्माण के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें टॉलीवुड शब्द पसंद नहीं है और वह चाहते हैं कि उनकी फिल्मों को साउथ की फिल्में कहा जाए। इतना ही नहीं उन्होंने धर्म पर भी बात की।
राजामौली ने भगवा वस्त्र धारण किया था
मालूम हो कि डायरेक्टर एसएस राजामौली नास्तिक हैं लेकिन पहले से ऐसा नहीं था। निर्देशक के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब उनकी ईश्वर में गहरी आस्था थी। भगवा वस्त्र धारण करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने कुछ वर्ष तपस्वी का जीवन भी व्यतीत किया। इंटरव्यू के दौरान अपने जीवन के इस दौर के बारे में बात करते हुए राजामौली ने कहा, ‘उन्होंने कई धार्मिक किताबें पढ़ी हैं, तीर्थ यात्राएं की हैं, यहां तक कि भगवा वस्त्र भी पहने हैं। यह सब करने के बाद उन्हें धीरे-धीरे यह अहसास हुआ कि धर्म शोषण का एक रूप है।’
राजामौली हिंदू महाकाव्यों से प्रभावित हैं
एस एस राजामौली ने आगे कहा, ‘मेरी सभी फिल्में किसी न किसी तरह हिंदू महाकाव्य रामायण और महाभारत से प्रभावित हैं। महाभारत या रामायण जैसी कहानियों के लिए मेरा प्यार कभी कम नहीं होगा। मेरी सोच कहीं न कहीं इन ग्रंथों से प्रभावित है। ये ग्रंथ महासागरों की तरह हैं. हर बार जब मैं इन्हें पढ़ता हूं, मैं कुछ नया सीखता हूं। हालांकि मैं नास्तिक हूं, लेकिन जिस तरह से इन महाकाव्यों में कहानियां लिखी और बताई जाती हैं, उससे मैं प्रभावित हूं।’
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