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    April 19, 2025

    सिद्धू की रिहाई थोड़ी देर में:पटियाला जेल के बाहर समर्थक जुटे: रोडरेज केस में एक साल की कैद हुई थी |

    1 min read
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    पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू थोड़ी देर में रिहा होंगे। सिद्धू 317 दिन बाद पटियाला सेंट्रल जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने पटियाला में हुए रोडरेज केस में एक साल की कैद काटी। इस खुशी में समर्थक पटियाला जेल के बाहर ढोल बजा रहे हैं। वहीं हाईकमान ने आज के राज्य स्तरीय कार्यक्रम रद्द कर नेताओं को सिद्धू के स्वागत में पहुंचने के लिए कहा है।

    आज अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.58 बजे से 12.40 बजे तक एवं विजय मुहूर्त दोपहर 2.04 बजे से 2.46 बजे तक रहेगा। इन्हीं दो समय के बीच सिद्धू जेल से बाहर आएंगे। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक आज तक सिद्धू ने अधिकतर काम अभिजित मुहूर्त पर ही किए हैं।

    पटियाला पहुंचे नेशनल कांग्रेस के पूर्व स्पोक्सपर्सन गौतम सेठ ने बताया कि कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने राज्य स्तरीय कार्यक्रमों को आज रद्द करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी कांग्रेसी नेताओं को नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत में पटियाला जेल पहुंचने के आदेश दिए हैं।
    सजा के दौरान कोई छुट‌्टी न लेने का नवजोत सिंह सिद्धू को यह बेनिफिट मिल रहा है और वह 19 मई से 48 दिन पहले रिहा हो रहे हैं। सिद्धू के ट्विटर पेज पर शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। ट्वीट में लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों ने रिहाई की सूचना दी है।

    नवजोत सिंह सिद्धू को रिसीव करने के लिए इस बार कोई बड़ा ताम-झाम आयोजित नहीं किया जा रहा। वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी उन्हें रिसीव करने के लिए जाने से मना कर दिया है। हालांकि सिद्धू के समर्थक उनके ग्रैंड वेलकम की तैयारी में हैं।
    सिद्धू की रिहाई से पहले खटास
    रिहाई से पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी पर एक्शन ले लिया है। अमृतसर ईस्ट में न्यू अमृतसर ब्लॉक प्रधान नवतेज सिंह सुल्तानविंड को हटा दिया है। जनरल सेक्रेटरी कैप्टन संदीप सिंह संधू की तरफ से भेजे लैटर में साफ लिखा है कि प्रधान राजा वडिंग के निर्देशों पर यह कदम उठाया गया है। नवतेज सुल्तानविंड पार्टी के आयोजित कार्यक्रमों में गैर-हाजिर रह रहे थे।
    काली माता मंदिर व दुख निवारण गुरुद्वारे में टेकेंगे माथा
    नवजोत सिंह सिद्धू जेल से रिहा होने के बाद सीधा काली माता मंदिर और दुख निवारण गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचेंगे। यहां से वह सीधा घर पहुंचेंगे, जहां वह कुछ समय अपनी पत्नी डॉ. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ रहेंगे।

    गौरतलब है कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर से पीड़ित थी। वह कैंसर स्टेज-2 पर थी। डेरा बस्सी के ही एक प्राइवेट अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ। जहां से उन्हें बुधवार को ही छुट्‌टी दी गई है। अभी वह पटियाला स्थित घर में ही हैं और पूरी तरह से बैड रेस्ट पर हैं। नवजोत सिंह सिद्धू रिहा होने के बाद उनके पास ही सीधा पहुंचेंगे।
    एडवोकेट बेटे बोले- पापा की वापसी जोरदार होती है
    नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे एडवोकेट करण सिद्धू ने कहा कि वह, उनकी मां डॉक्टर नवजोत कौर और उनकी बहन राबिया सिद्धू सभी लोग पटियाला स्थित अपने घर पर ही पिता के आने का इंतजार करेंगे।सभी लोग एक साथ बैठकर खाना खाना चाहते हैं, क्योंकि उनके पापा करीब 1 साल बाद उनके साथ होंगे।

    जेल से रिहा होने के बाद सियासत में भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल पर करण सिद्धू ने कहा कि जब भी पापा नीचे से ऊपर आते हैं, तो हमेशा उनकी वापसी बड़ी जोरदार होती है। एक्टिव सियासत में वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं रख पाए थे, इसलिए उन्होंने इस एक साल में जेल में सबसे ज्यादा अपनी सेहत पर ध्यान दिया।

    उन्होंने अपना भार घटाया है। मेडिटेशन की है। उन्हें काफी कुछ सोचने का समय मिला है, इसलिए बाहर आकर वह क्या रुख अपनाते हैं, यह तो उनके बाहर आने के बाद ही पता चलेगा।

    क्या है सिद्धू का रोड रेज केस?

    1988 में पंजाब के पटियाला में गाड़ी पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से सिद्धू का विवाद हो गया था। इस विवाद में सिद्धू ने गुरनाम सिंह पर घूंसे बरसाए थे, जिससे बाद गुरनाम की मौत हो गई थी। मृतक गुरनाम सिंह के परिजनों ने 2010 में एक चैनल के शो में सिद्धू द्वारा गुरनाम को मारने की बात स्वीकार करने की सीडी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।
    रोड रेज केस में सिद्धू के साथ कब-क्या हुआ?

    रोड रेड से जुड़े मामले में सितंबर 1999 में पंजाब की निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन दिसंबर 2006 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने IPC के सेक्शन 304-II के तहत सिद्धू और एक अन्य को गैर-इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई।

    इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या के आरोपों से बरी करते हुए IPC के सेक्शन 323 के तहत पीड़ित को चोट पहुंचाने का दोषी करार देते हुए एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।

    इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरनाम सिंह के परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी। अब इसी रिव्यू पिटीशन की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है।

    पत्नी नवजोत कौर कैंसर से पीड़ित, लिखा था- इंतजार नहीं कर सकती
    वहीं नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें स्टेज-2 कैंसर है। बीते दिनों नवजोत कौर ने अपने पति सिद्धू के लिए मैसेज में लिखा था कि वह उनके रिलीज होने का इंतजार नहीं कर सकती। उनकी तकलीफ बढ़ रही है। जिसके बाद कई सीनियर कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें जल्द रिहा करने की भी मांग उठाई थी।
    क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू
    नवजोत सिद्धू ने कमेंट्री और TV में काफी नाम कमाया है। वे पंजाब के पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं। अमृतसर से लोकसभा सदस्य रहे सिद्धू की असल पहचान क्रिकेट से है। उनके पिता सरदार भगवंत सिंह क्रिकेटर थे।

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