सरकार के माध्यम से कपड़े का कारोबार खड़ा किया। कठिनाईयों से दो हाथ करते – धीरज रामभाउ रसाल
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धीरज रसाल की सफलता की कहानी
अहमदनगर जिले के जामखेड़ के पास दिघोल गांव ! गांव की आबादी लगभग ४ से ५ हजार हैं। ज्यादातर परिवार खेती करके अपना गुजारा करते हैं। किसीको ये पता तक नहीं था को उस छोटेसे गांव में एक सफल व्यापारी का जन्म होगा।
धीरजजी ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी न करने का निर्णय लिया। जिस गांव में सिर्फ खेती होती थी, उस गांव में धीरजजी कुछ नया करना चाहते थे। उन्होंने व्यवसाय में जाने का निर्णय लिया।
व्यवसाय की सुरुवात :
२०१९ में, मात्र २१ साल की उम्र में उन्होंने कपड़े का कारोबार करने का निर्णय लिया।
ड्रीम वर्ल्ड नाम का एक सहकार उद्योग समूह उभरा। कपड़ा उद्योग को बेहतर तरीके से जानने के लिए धीरजजी ने अलग- अलग राज्यों के बड़े बड़े उद्योजकों और कारखानों से संपर्क में आए और उनसे जानकारी ली। लेकिन इन सब में धीरजजी को कुछ लोगों ने गुमराह किया। उनकी कम उम्र और अनुभव की कमी के कारण आर्थिक और मानसिक समस्यायों का सामना करना पड़ा। उनके पास दोही विकल्प रह गए थे। गांव जाकर खेती करना या नौकरी ढूढना!
लेकिन वे अपनी जिद पर कायम रहे । उनमें आत्मविश्वास की कमी नहीं थी। उनके परिवार का उनपर हमेशा विश्वास था। उनके
आज सहकार उद्योग समूह के अंतर्गत चलनेवाले ड्रीम वर्ल्ड मैन्युफैक्चरिंग एंड होलसेल के अहमदनगर और सोलापुर में २ यूनिट्स चल रहे हैं।
व्यवसाय में सहायता :
कम पूंजी और मेहनत के जोर पे आज अकेले चल रहे धीरजजी का आज ९० से १०० लोगों का परिवार बन गया है। शुरुवात में कारोबार सिर्फ जामखेड़ तहसील तक सीमित था। लेकिन बाद के जिला और अब पूरे महाराष्ट्र में विस्तारित हुआ है।
भविष्य के प्लान :
” मेरी हिम्मत की और अपने दम पर एक व्यवसाय शुरू किया।
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