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    April 22, 2025

    वेल प्लान्ड शहर से ही देश की बदलेगी तस्वीर, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बड़ी भूमिका, पीएम मोदी ने पेश किया ख़ाका |

    1 min read
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     2047 में भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा, तो उस वक्त तक 82 करोड़ से ज्यादा लोग शहरों में रह रहे होंगे | विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने में सुनियोजित शहर की भूमिका बहुत बड़ी होगी |
    भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में शहरों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है और उसमें भी ऐसे शहर जिसे भविष्य की जरूरतों को देखते हुए पूरी योजना के साथ बनाया गया हो | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही कहना है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अमृतकाल यानी अगला 25 साल बेहद महत्वपूर्ण है और हमारे शहरों की इसमें बड़ी भूमिका रहने वाली है|
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अर्बन प्लानिंग, डेवलपमेंट एंड सैनिटेशन’ विषय पर बजट बाद वेबिनार में बुधवार (एक मार्च) को शामिल हुए. इसमें उन्होंने इस मुद्दे को बखूबी तरीके से समझाया कि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सुनियोजित तरीके से बनाए गए शहर कितने ज्यादा फायदेमंद साबित होंगे. उन्होंने कहा कि अमृतकाल में अर्बन प्लानिंग से ही हमारे शहरों का भाग्य निर्धारित होगा और वेल प्लान्ड शहर ही भारत के भाग्य को निर्धारित करेंगे | प्रधानमंत्री ने विकसित राष्ट्र के लिए सुनियोजित शहरों के विकास पर बल दिया |

    सुनियोजित शहरों से देश का बदलेगा भाग्य

    प्रधानमंत्री का मानना है कि जब प्लानिंग बेहतर होगी तभी देश के शहरों को क्लाइमेट रिज़िल्यन्ट (climate resilient) और जल से सुरक्षित बनाया जा सकता है | शहरों को क्लाइमेट रिज़िल्यन्ट बनाने से तात्पर्य है कि ऐसे शहर बने, जो किसी भी प्रकार के जलवायु परिवर्तन या प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के लिहाज से ज्यादा सक्षम हो प्रधानमंत्री ने राज्यों और शहरी निकायों को एक नसीहत भी दी |उन्होंने कहा कि राज्य और शहरी निकाय भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान तभी दे पाएंगें, जब वे प्लान्ड अर्बन एरिया यानी ऐसे शहरों का विकास करेंगे, जो पूरी तरह से प्लानिंग के साथ बने हों |

    शहरों के विकास के दो प्रमुख पक्ष

    पीएम मोदी ने का कहना है कि भारत में शहरों के विकास से जुड़े दो प्रमुख पक्ष हैं | पहला नए शहरों का विकास और दूसरा पुराने शहरों में पुरानी व्यवस्थाओं को आधुनिक लिहाज से विकसित करना | इस नजरिए को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने हर बजट में शहरी विकास को बहुत महत्व दिया है | 2023-24 के बजट में अर्बन प्लानिंग के मानकों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का इंसेन्टिव भी तय किया गया है |

    प्रधानमंत्री मोदी ने उन तीन बिन्दुओं का भी जिक्र किया, जिसका ख्याल भविष्य में शहरी नियोजन और विकास के लिए कोई भी नीति बनाए जाने में किया जाना चाहिए |

    राज्यों में शहरी नियोजन पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे मजबूत किया जाए |
    अर्बन प्लानिंग के लिए निजी क्षेत्र में मौजूद विशेषज्ञता का कैसे सही इस्तेमाल किया जाए |
    ऐसे सेंटर ऑफ एक्सेलेंस ( उत्कृष्टता केंद्र) कैसे विकसित किए जाएं, जो अर्बन प्लानिंग को एक नए स्तर पर लेकर जाएं
    शहरी नियोजन और शहरी प्रशासन दोनों महत्वपूर्ण

    प्रधानमंत्री ने शहरी विकास के लिए शहरी नियोजन और शहरी प्रशासन दोनों को बेहद महत्वपूर्ण बताया | शहरों की खराब प्लानिंग या प्लान के बाद उसको सही तरीके से लागू नहीं होने से पैदा होने वाली चुनौतियों को लेर पीएम मोदी ने आगाह भी किया है | उनके हिसाब से शहरी नियोजन के तहत परिवहन, बुनियादी ढांचा, जल प्रबंधन जैसे सभी क्षेत्रों में बेहतर तरीके से योजना बना कर ही किसी नए शहर का विकास होना चाहिए था |

    परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने पर ज़ोर

    किसी भी शहर के लिए उसका परिवहन सिस्टम महत्वपूर्ण स्तंभ होता है | प्रधानमंत्री का भी कहना है कि देश के शहरों के अंदर बाधारहित आवागमन की सुविधा होनी चाहिए था | इस लिहाज से उन्होंने किसी भी शहर के लिए मेट्रो नेटवर्क को महत्वपूर्ण बताया | उन्होंने मेट्रो नेटवर्क के साथ ही सड़कों के चौड़ीकरण, ग्रीन मोबिलिटी और एलेवेटेड रोड को किसी भी शहर के सुनियोजित विकास से जुड़ी योजना का हिस्सा बनाए जाने पर ज़ोर दिया |

    सर्कुलर इकोनॉमी शहरी विकास का आधार

    विकसित राष्ट्र के नजरिए शहरों के विकास में भारत सर्कुलर इकोनॉमी को बड़ा आधार बनाकर कदम उठा रहा है | ये हम सब जानते हैं कि देश के शहरों में हर दिन हजारों कचरा पैदा होता है | पीएम मोदी ने जानकारी दी कि भारत में 2014 में सिर्फ़ 14 से 15% कचरे की प्रोसेसिंग (waste processing) होती थी | आज ये आंकड़ा 75% तक जा पहुंचा है | शहरों के किनारे कूड़े के पहाड़ों को लेकर भी प्रधानमंत्री ने चिंता जाहिर की उन्होंने कहा कि कचरे की प्रोसेसिंग करके इन कूड़े के पहाड़ों से भी शहरों को मुक्त करने का काम किया जा रहा है इसमें कई उद्योग के लिए रिसाइक्लिंग के ढेर सारे मौके हैं | इस क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स को समर्थन की जरूरत पर भी पीएम ने बल दिया था | इसके साथ ही उन्होंने शहरों में पीने के साफ पानी के बाद सीवेज़ ट्रीटमेंट के पारंपरिक मॉडल से आगे की प्लानिंग करने की भी जरूरत बताया और इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए प्राइवेट सेक्टर से आगे आने की अपील की |

    भविष्य के शहरों के लिए नई परिभाषा हो तय

    प्रधानमंत्री का कहना है कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो भविष्य के शहरों के लिए नई परिभाषा तय करते हुए नए मानक बनाने होंगे | उन्होंने अर्बन प्लानिंग में बच्चों का ध्यान रखने पर भी ज़ोर दिया | इसके तहत शहर के विकास के लिए योजना बनाने में बच्चों के लिए खेलने-कूदने की जगहों से लेकर साइकिल चलाने के लिए पर्याप्त जगह जैसी बातों को ध्यान में रखने की बात कही | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जो भी नए शहर बने, वो कचरा मुक्त हो, पानी से सुरक्षित हो और जलवायु अनुकूल हो और ऐसा तभी मुमकिन होगा |

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