विदेशी मुद्रा भंडार में छह अरब डॉलर की गिरावट, BOI के ग्राहकों को जमा पर मिलेगा अधिक ब्याज ।
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आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का अधिकांश हिस्सा हैं, 4.654 अरब डॉलर घटकर 524.945 अरब डॉलर रह गईं।
19 मई को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.052 अरब डॉलर घटकर 593.47 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले लगातार दो सप्ताह तक मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया था। अक्टूबर, 2021 में यह 645 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर था। आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का अधिकांश हिस्सा हैं, 4.654 अरब डॉलर घटकर 524.945 अरब डॉलर रह गईं। देश का स्वर्ण भंडार भी 1.227 अरब डॉलर घटकर 45.127 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान आईएमएफ के पास मौजूद रिजर्व में 35 लाख डॉलर की गिरावट दर्ज की गई।
पैसिव फंड में कम हो सकता है निवेश लागत
बाजार नियामक सेबी जल्द पैसिव फंडों में कम लागत वाले निवेश के लिए नियम पेश कर सकता है। यह अनुपालन बोझ को भी कम कर सकता है, फंड उद्योग को बढ़ावा दे सकता है और साथ ही संबंधित नियमों को आसान बना सकता है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने शुक्रवार को कहा कि इंडेक्स फंड और ईटीएफ को अधिक लचीलापन देने की योजना है। दूसरे शब्दों में, निष्क्रिय म्युचुअल फंड बाजार को ट्रैक करते हैं। सक्रिय फंड की तुलना में उतार-चढ़ाव कम होते हैं। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो रिटर्न के बजाय सुरक्षा पर ध्यान देते हैं। इसमें फंड मैनेजर्स की कोई भूमिका नहीं होती है।
बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों को जमा पर अधिक ब्याज मिलेगा
बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने एक साल की अवधि के लिए 2 करोड़ रुपये से कम जमा पर ब्याज दर बढ़ाकर 7 फीसदी सालाना कर दी है। बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह फिलहाल अपने आम ग्राहकों को तीन से सात फीसदी ब्याज की पेशकश कर रहा है. वरिष्ठ नागरिकों को 7.50 फीसदी और 80 साल से ऊपर के जमाकर्ताओं को 7.65 फीसदी ब्याज मिलेगा.
दवाएं और प्रमुख रसायन पीएलआई से लाभान्वित हो सकते हैं
सरकार फार्मास्यूटिकल्स और अन्य उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख रसायनों के लिए उत्पाद आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं भी पेश कर सकती है। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा, भारत ‘दुनिया की फार्मेसी’ है। नेतृत्व की स्थिति बनाए रखने के लिए, उद्योग को दुनिया भर में हो रहे परिवर्तनों से अवगत होने और नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए फार्मास्यूटिकल्स और अन्य उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख रसायनों के लिए पीएलआई योजना शुरू करने की तैयारी की जा रही है। मंडाविया ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए चिकित्सा उपकरण उद्योग को किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार गरीबों और किसानों की हितैषी है। साथ ही यह उद्योग के अनुकूल भी है।
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