लखनऊ : प्रदेश में अब निजी जांच केन्द्रो पर भी होगी गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच
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साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत देने जा रही है। प्रदेश सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच सुविधाएं न मिलने पर गर्भवती महिलाओं को निजी जांच केंद्रों पर यह सुविधा मुफ्त में मिलेगी।
इस सुविधा के लिए गर्भवती महिलाओं को ई-वाउचर दिए जाएंगे। गौरतलब है की सम्पूर्ण राज्य में वर्तमान में 837 के करीब सीएचसी हैं जिनमे हर महीने करीब पांच लाख महिलाओं को प्रसव संबंधी जांच करानी पड़ती है। इनमे से ज्यादातर केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड मशीनें लगी हैं। लेकिन कहीं पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है तो कहीं की मशीनें खराब है। ऐसे स्थति में गर्भवती महिलाओं को अपनी जांच के लिए निजी जांच केंद्रों का ही सहारा लेना पड़ता है। इस स्थति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब यह निश्चय किया है कि राज्य के प्रत्येक सीएचसी में वहां आने वाली गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जाएगा। जब कभी किसी वजह से वहां अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच अगर नहीं हो पा रही है तो उन महिलाओ को निजी जांच केंद्रों पर भेजा जाएगा।
निजी जांच केन्द्रो पर महिलाओ की जांच का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इसके लिए सीएचसी के आसपास मौजूद निजी डायग्नोसिस सेंटरों को सीएचसी से संबद्ध किया जा रहा है। महिला को निजी जांच केंद्रों में जांच के लिए सीएचसी प्रभारी ई-वाउचर जारी करेंगे । मोबाइल पर प्राप्त होने वाले इस ई-वाउचर को दिखाकर ही निजी जांच केंद्रों पर जांच होगी और फिर सीएचसी द्वारा संबंधित केंद्र को भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है की निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक बार के अल्ट्रासाउंड पर 1000-1200 रुपये तक खर्च होते हैं। इस प्रकार चार से पांच जांच पर 6000 रुपये तक खर्च हो जाते हैं। इस नई सुविधा के चलते महिलाओं को काफी ज्यादा राहत मिलेगी।
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