भारत को चमकता सितारा बनाए रखने में प्राइवेट और बैंकिंग सेक्टर का ख़ास महत्व, पीएम मोदी का निजी निवेश बढ़ाने पर ज़ोर |
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भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 10 साल में तेजी से आगे बढ़ी है | हम आर्थिक ताकत के रूप में 10वें से 5वें पायदान पर पहुंच गए हैं | अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं |
भारतीय अर्थव्यवस्था अभी दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है | दुनिया की तमाम एजेंसियां भी भारत को लेकर बेहद सकारात्मक नजरिया अपना रही है | इस वक्त भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है | भारत में इतनी संभावना है कि जल्द ही वो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है |
वित्तीय सेवाओं की दक्षता बढ़ाने के विषय पर बजट से जुड़े वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता हुआ सितारा कहा जा रहा है | प्रधानमंत्री का मानना है कि वैश्विक समुदाय में भारत को लेकर जो नजरिया बदला है, उसके पीछे की वजह ये है कि आज का नया भारत, अब नए सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ रहा है |
भारत की ताकत का अंदाजा इसी से लगता है कि वैश्विक महामारी कोरोना को झेलने के बावजूद भारत की राजकोषीय और मौद्रिक नीति का प्रभाव पूरा विश्व देख रहा है |
निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत
ये हम सब जानते हैं कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है | इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार लगातार कदम भी उठा रही है | इसके तहत सरकार पूंजीगत व्यय यानि कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ा रही | इसका साफ मतलब है कि बुनियादी ढांचे के मजबूत करने के लिए सरकारी निवेश को बढ़ाया जा रहा है | भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में निजी सेक्टर की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है | प्रधानमंत्री ने इसे पहलू को स्वीकार करते हुए प्राइवेट सेक्टर से गुजारिश की कि वे भी सरकार के समान अपनी ओर से निवेश बढ़ाएं, ताकि देश को इससे ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके | प्रधानमंत्री का कहना है कि सरकार को देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए काम करने वाले प्राइवेट सेक्टर को ज्यादा सपोर्ट करना होगा |
पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी
2023-24 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी की गई है | इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है | पूंजीगत व्यय में 37.4% का इजाफा किया गया है | इसका मकसद निवेश और रोजगार को बढ़ावा देना है | 2019-20 की तुलना में इस बार का कैपेक्स करीब तीन गुना है | इसके जरिए सड़क, रेल, रक्षा जैसे सेक्टर को मजबूती मिलेगी | सरकार अगले 25 साल में 4 आई पर फोकस कर रही है | ये हैं इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनवेस्टमेंट, इनोवेशन और इनक्लूजन | इसी नजरिए से पूंजीगत व्यय में इस बार के बजट में इतनी वृद्धि की गई है और अर्थव्यवस्था की मजबूती और विकास को रफ्तार देने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा गया है | 2021-22 में अब तक का सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) देश को हासिल हुआ है | इस निवेश का बड़ा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगा है | भारत ग्लोबल सप्लाई चेन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनते जा रहा है |
छोटे और मंझोले उद्योगों तक पहुंचे कर्ज
भारत के पास वर्तमान में एक मजबूत फाइनेंसियल सिस्टम है | इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लोगों और बैंकों से अपील की है कि वे आगे बढ़कर छोटे और मंझोले उद्योगों को वित्तीय समर्थन देना चाहिए | उन्होंने जानकारी दी कि कोविड महामारी के दौरान 1 करोड़ 20 लाख MSME’s को सरकार से बहुत बड़ी मदद मिली | इस साल के बजट में भी इस सेक्टर को दो लाख करोड़ रुपये का एजिशनल कोलेटरल फ्री गारंटीड क्रेडिट देने का प्रावधान किया गया है | प्रधानमंत्री चाहते हैं कि बैंक उन तक पहुंच बनाएं और उन्हें जरूरत के हिसाब से पर्याप्त वित्तीय सहायता मुहैया कराएं |
स्वरोजगार के लिए जल्द मिले कर्ज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फाइनेंसियल सिस्टम से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को कॉस्ट ऑफ क्रेडिट के साथ ही कर्ज देने में लगने वाले वक्त को भी घटाने की अपील की इसके लिए तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर ज़ोर दिया है | प्रधानमंत्री का मानना है कि ऐसा होने पर ही देश के बढ़ते बैंकिंग सामर्थ्य का ज्यादा से ज्यादा लाभ गरीबों तक पहुंच पाएगा | पीएम मोदी ने स्वरोजगार के जरिए अपनी गरीबी दूर करने का तेजी से प्रयास कर रहे लोगों तक बैंक का कर्ज पहुंचाने पर भी बल दिया |
एजुकेशन सेक्टर में निवेश बढ़ाने पर ज़ोर
वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भरता मिशन विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है | प्रधानमंत्री का कहना है कि इस मिशन के तहत हमें उन क्षेत्रों की पहचान करनी होगी, जिसमें देश में घरेलू क्षमता बढ़ाकर देश का पैसा बाहर जाने से बचाया जा सकता हो | इसके लिए उन्होंने उच्च शिक्षा का उदाहरण दिया, जिस पर हर साल देश का हजारों करोड़ रुपये बाहर जाता है | प्रधानमंत्री का कहना है कि एजुकेशन सेक्टर पर निवेश बढ़ाकर इस राशि को बाहर जाने से रोका जा सकता है | इसी तर्ज पर पीएम मोदी ने देश को खाद्य तेल (Edible oil) के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की जरूरत बताया है |
टैक्स बेस की बढ़ोतरी को प्रोत्साहित करने पर बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत और वित्तीय क्षेत्रों से जुड़े लोगों से टैक्स बेस की बढ़ोतरी को प्रोत्साहित करने की दिशा में भा लगातार काम करने को भी कहा है | प्रधानमंत्री का कहना है कि जीएसटी, इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स होने के वजह से देश के नागरिकों पर टैक्स को बोझ लगातार कम होता जा रहा है| इसके बावजूद भी टैक्स से हासिल होने वाले राजस्व में तेजी से इजाफा हो रहा है | 2013-14 के दौरान ग्रौस टैक्स रेवन्यू करीब 11 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023-24 के बजट अनुमानों में बढ़कर 33 लाख करोड़ रुप |
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