भारतीय ई-कॉमर्स बाजार पर होगा सिर्फ तीन कंपनियों का कब्जा, अमेजन-वॉलमार्ट से आगे निकल सकती है रिलायंस ।
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बर्नस्टीन रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, रिलायंस समूह अपने खुदरा स्टोर नेटवर्क, डिजिटल मीडिया व दूरसंचार सेवाओं के दम पर ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों अमेजन और वॉलमार्ट से आगे निकल सकता है।
भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र बड़ी तेजी से तीन कंपनियों वाले बाजार की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में करीब 150 अरब डॉलर के भारत के ई-कॉमर्स बाजार पर सिर्फ तीन कंपनियों अमेजन, वॉलमार्ट और रिलायंस का कब्जा होगा।
बर्नस्टीन रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, रिलायंस समूह अपने खुदरा स्टोर नेटवर्क, डिजिटल मीडिया व दूरसंचार सेवाओं के दम पर ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों अमेजन और वॉलमार्ट से आगे निकल सकता है।
अलग है भारतीय बाजार की प्रवृत्ति
अधिकांश प्रौद्योगिकियों में वितरण चुनौतियों और एक पीढ़ी छोड़कर आगे बढ़ जाने की भारत की प्रवृत्ति को देखते हुए माना जा रहा है कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार अलग होगा। एक एकीकृत मॉडल (ऑफलाइन, ऑनलाइन, प्राइम), मजबूत वितरण क्षमता और ऑनलाइन कंपनियों के मुकाबले बेहतर लागत की शुरू से ही जरूरत है।
रिलायंस इसलिए बड़ी प्रतिद्वंद्वी
बर्नस्टीन ने कहा, रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत में सबसे बड़ा डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश में जुटी है। इसकी दूरसंचार इकाई जियो के 43 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं। खुदरा इकाई के 18,300 स्टोर हैं और 4 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। समूह का 6 अरब डॉलर का ई-कॉमर्स कारोबार 17-18 फीसदी दर से बढ़ रहा है।
रिलायंस रिटेल व जियो सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में सबसे अच्छी स्थिति में हैं।
ऑफलाइन, ऑनलाइन और प्राइम का एकीकृत मॉडल रिलायंस को अमेजन और वॉलमार्ट का सबसे तगड़ा प्रतिद्वंद्वी बना देता है।
अमीर परिवार भारत को बनाएंगे आकर्षक
भारत तमाम चुनौतियों के बावजूद विकास के लिहाज से सबसे आगे है। खपत पर खर्च लगातार बढ़ रहा है। 2025 तक वैसे अमीर परिवारों की संख्या बढ़कर 5 करोड़ हो जाएगी, जिनकी कमाई सालाना 15,000 डॉलर होगी। 2016 में यह संख्या 2.4 करोड़ थी। यही परिवार भारत को आकर्षक बाजार बनाएंगे।
60 फीसदी पर फ्लिपकार्ट व अमेजन का होगा कब्जा
भारत वैसे बड़े ई-कॉमर्स बाजारों में से एक है, जिसका अभी बहुत विस्तार नहीं हुआ है। भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2025 तक 150 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है। अभी इसमें फ्लिपकार्ट और अमेजन की संयुक्त रूप से हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है। रिलायंस तीसरे पायदान पर है।
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