फरवरी में तापमान अधिक होने पर देश में बिजली की मांग में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई
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पिछले महीने देश में बिजली की मांग में नौ फीसदी बढ़कर 117.84 अरब यूनिट हो गई। बिजली की मांग में जोरदार वृद्धि ने पिछले महीने देश में आर्थिक गतिविधियों में मंदी का संकेत दिया। हालांकि फरवरी में तापमान भी ज्यादा था जिससे कहा जा सकता है कि बिजली की खपत बढ़ गई है। दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की खपत में भी इजाफा हुआ है।
आर्थिक गतिविधियों के साथ उच्च तापमान के परिणामस्वरूप मार्च में बिजली की खपत अधिक रहने की उम्मीद है। मार्च से मई के दौरान देश में तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है। फरवरी 2022 में बिजली खपत का आंकड़ा 108.03 अरब यूनिट था। पिछले महीने एक दिन में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति 209.66 गीगावॉट हुई थी।
अगली गर्मियों में बिजली की मांग में प्रस्तावित वृद्धि को देखते हुए सरकार ने कोयले से चलने वाली बिजली उत्पादन इकाइयों को पूरी क्षमता से काम करने का निर्देश दिया है।
इस बीच फरवरी में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भी दहाई अंकों में बढ़ोतरी देखी गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने सरकारी खुदरा इकाइयों से पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 25.70 लाख टन हो गई, जबकि डीजल की बिक्री 13 फीसदी बढ़कर 65.20 लाख टन हो गई।
भारत एशिया का हॉटस्पॉट बन जाएगा
देश में 15 मार्च के आसपास का तापमान फरवरी माह में ही देखने को मिल रहा था। फरवरी महीने में ही गुजरात समेत राजस्थान, दिल्ली में पारा लगातार चढ़ने लगा था। इस साल गर्मी के सीजन में भारत एशिया का हॉटस्पॉट बन जाएगा इसकी संभावना जताई जा रही है। भीषण गर्मी से पहले इसका ट्रेलर सामने आ रहा है। पिछले महीन 17 फरवरी को भुज का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। भीषण गर्मी की वजह से बिजल की खपत और ज्यादा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
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