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    April 24, 2025

    ”पाकिस्तान” की तंगी और लाचारी: PM ”शाहबाज” बोले- IMF ने बेरहम शर्तों पर कर्ज दिया; लेकिन क्या करें, कोई चारा भी तो नहीं है |

    1 min read
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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने माना है | कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त देने के लिए बेहद सख्त शर्तें रखी हैं। शरीफ ने कहा- IMF ने जो शर्तें रखी हैं वो हमारी सोच से भी ज्यादा सख्त और खतरनाक हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है।

    शरीफ के बयान की गहराई में जाने से पहले पाकिस्तान की बेहद बदहाल इकोनॉमी को समझना जरूरी है। फॉरेक्स रिजर्व (विदेशी मुद्रा भंडार) सिर्फ 3.1 अरब डॉलर बचा है। इसमें से 3 अरब डॉलर सऊदी अरब और UAE के हैं। ये गारंटी डिपॉजिट हैं, यानी इन्हें खर्च नहीं किया जा सकता।

    पाक में महंगाई दर गुरुवार को 27.8% हो गई। सितंबर 2022 में विदेशी कर्ज 130.2 अरब डॉलर था। इसके बाद डेटा जारी नहीं किया गया। डॉलर के मुकाबले रुपया (पाकिस्तानी करंसी) 274 का हो चुका है।

    अब शाहबाज का पूरा बयान जानते हैं
    शरीफ ने एक टीवी चैनल पर कहा- ‘मैं डीटेल्स तो नहीं बता सकता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि हमारी इकोनॉमी के जो हालात हैं, वो आपके तसव्वुर (कल्पना) से परे हैं। IMF ने कर्ज के लिए बेहद बेरहम शर्तें रखी हैं, लेकिन हमारे पास इन्हें मानने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।’

    शरीफ के इस बयान की टाइमिंग अहम है। 31 जनवरी को IMF की टीम इस्लामाबाद पहुंची और 9 फरवरी तक वहां रहेगी। कर्ज की किश्त जारी करने से पहले IMF कई शर्तें मनवाना चाहता है।

    इस बयान के मायने भी समझिए
    IMF ने बेहद सख्त शर्तें रखी हैं। इतना ही नहीं, उसने इन तमाम शर्तों को पूरा करने के लिए पॉलिटिकल गारंटी भी मांगी है। IMF चाहता है कि पाकिस्तान सरकार इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल 60% महंगा करे। टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है। लिहाजा, यह तय माना जा रहा है कि 9 फरवरी को जब IMF और शाहबाज सरकार की बातचीत खत्म होगी और अगर सरकार यह शर्तें मान लेती है तो महंगाई अभी से करीब-करीब दोगुनी यानी 54 से 55% तक हो जाएगी।

    आसान भाषा में कहें तो महंगाई दोगुनी हुई तो जनता सड़कों पर उतर आएगी और शाहबाज शरीफ की कुर्सी जाना तय हो जाएगा। दूसरी तरफ, इमरान खान इसी मौके का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, मुल्क को इस बदहाली तक लाने में इमरान का ही सबसे बड़ा हाथ है। उनके करीब 4 साल के कार्यकाल में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज दोगुना हो गया था।

    सरकार ने जारी की रिपोर्ट
    2022 जनवरी में महंगाई दर 13% थी। इसके मायने ये हुए कि महज एक साल में इन्फ्लेशन रेट यानी महंगाई दर दोगुने से ज्यादा हो गई। यह आंकड़ा पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (PBS) ने बुधवार दोपहर जारी किया था। PBS के मुताबिक 1975 के बाद महंगाई सबसे ज्यादा है। उस वक्त यह आंकड़ा 27.77% था।
    सरकार के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी या कहें शर्मिंदगी की बात यह है कि इस वक्त कराची पोर्ट पर करीब 6 हजार कंटेनर्स खड़े हैं। इन्हें अनलोड सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सका, क्योंकि बैंकों के पास डॉलर नहीं हैं | और इस वजह से पेमेंट नहीं हो रहा है।
    कारोबारियों को तो तगड़ा नुकसान हो ही रहा है, इससे बड़ी परेशानी आम लोगों के लिए है, क्योंकि इन कंटेनर्स में रोजमर्रा की जरूरतों का सामान जैसे फल और सब्जियां भी हैं। यह करीब-करीब खराब हो चुके होंगे। अब तो यह हालात हो चुके हैं कि पोर्ट पर नए कंटेनर्स के खड़े होने की जगह तक नहीं बची है।
    डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया भी तेजी से गिरता जा रहा है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी वैल्यू 274 रुपए हो गई। पिछले साल इसी वक्त यह 127 रुपए थी।

    लेकिन, सऊदी ने चुप्पी साधी
    पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 3.1 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने नवंबर में कहा था कि चीन और सऊदी अरब पाकिस्तान को बहुत जल्द 13 अरब डॉलर का नया कर्ज देंगे। यह नहीं मिला और दोनों देश चुप हैं। दूसरी तरफ, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने भी कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी। ऐसे में अब जनवरी से मार्च के पहले क्वॉर्टर में विदेशी कर्ज चुकाने और इम्पोर्ट के लिए फंड्स कहां से आएंगे, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है।

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