दिल्ली: भाजपा के नेता का आप पर हमला, कहा- दिल्ली को विकास तो नहीं, परंतु भष्ट्राचार में पहला स्थान जरूर दिलवा दिया…!
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आप नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को कानून के अनुसार बताते हुए राज्य भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसका स्वागत किया है। उनका कहना है कि छात्रों के माता-पिता शर्मसार हैं कि शिक्षा मंत्री शराब घोटाले में जेल गए। दिल्ली की जनता ने जिस सरकार को विश्वास के साथ सत्ता सौंपी है, वह भ्रष्टाचार में बुरी तरह फंसी हुई है।
‘दिल्ली का एक एक बच्चा सवाल पूछ रहा है”
सिसोदिया की गिरफ्तारी को सचदेवा ने सच्चाई की जीत बताया और कहा कि गहन जांच के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई है, कानून अपना काम कर रहा है। दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके दो-दो मंत्री जेल में हैं। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन दोनों ही अरविंद केजरीवाल की परिवर्तनकारी राजनीति के ध्वजवाहक थे। उन्होंने दिल्ली को विकास तो नहीं दिया, लेकिन हां, भ्रष्टाचार में राज्य को पहला स्थान जरूर दिलवा दिया। उन्होंने आगे कहा कि सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली का एक एक बच्चा सिसोदिया को अपने चाचा के रूप में देखता है, जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली का एक एक बच्चा उनसे सवाल पूछता है, चाचा आपने चोरी क्यों की?
उम्मीद के मुताबिक सिसोदिया गिरफ्तार: रामवीर सिंह बिधूड़ी
उधर, इस मामले में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी उम्मीद के मुताबिक है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। दिल्ली में हजारों करोड़ का शराब घोटाला किया गया और अब तक हुई गिरफ्तारियों से माना जा रहा था कि मनीष सिसोदिया को भी आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया जाएगा। शराब घोटाले के चलते दिल्ली सरकार को एक्साइज पॉलिसी वापस लेनी पड़ी थी। उसी दिन यह साफ हो गया कि सरकार ने माना है कि घोटाला हुआ है। वहीं, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि जब कोई घोटाला ही नहीं था तो एक्साइज पॉलिसी क्यों वापस ली गई? यही सर्वोत्तम नीति कही जाती थी।
सीबीआई की कार्रवाई पर भी सवाल
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ मिलकर सिसोदिया ने दिल्ली में भ्रष्ट राजनीति की, जबकि यह स्पष्ट है कि 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ करने से शराब कंपनियों को फायदा हुआ और सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ, अगर सीबीआई को भ्रष्टाचार के सबूत मिले तो आपने तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की ?
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