नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 18, 2025

    जर्मन चांसलर की भारत यात्रा से सामरिक गठजोड़ हुआ और मजबूत, रक्षा और व्यापार सहयोग के जुड़ेंगे नए आयाम |

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    जर्मन चांसलर शोल्ज के भारत दौरे से ये साफ है कि भविष्य में दोनों देशों में स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा | सुरक्षा और रक्षा सहयोग के नए पहलुओं पर भी दोनों देश फोकस करेंगे |
    भारत और जर्मनी के बीच सहयोग बढ़ने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी | जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज की दो दिवसीय भारत यात्रा पूरी हो चुकी है | इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी आयामों के साथ ही महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. ये यात्रा भारत-जर्मन सामरिक गठजोड़ को और मजबूत बनाने का अवसर बनी |
    जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 25 फरवरी को नई दिल्ली पहुंचे थे. एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में ओलाफ शोल्ज जर्मनी के नए चांसलर बने थे | जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा थी |

    सामरिक गठजोड़ हुआ और मजबूत

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज दोनों ही नेताओं ने 25 फरवरी को ही द्विपक्षीय वार्ता कर आपसी संबंधों को नई ऊंचाई देने पर सहमति जताई स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, निवेश, रक्षा और नयी प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन समेत अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की थी | दोनों नेताओं के बीच बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध और हिन्द- प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी विस्तार से बातचीत हुई| दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत-जर्मनी सहयोग को बढ़ावा देने और व्यापार संबंधों को और बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी | इस दौरान दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे क्षेत्रों में साम काम करने का फैसला किया है | दोनों नेताओं के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई |
    सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति

    साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा कि बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुसार, भार-जर्मनी अपने संबंधों में नए और आधुनिक पहलू भी जोड़ रहे हैं| पिछले वर्ष पीएम मोदी की जर्मनी की यात्रा के दौरान दोनों देशों ग्रीन एंड सस्टेनेंबल डेवलपमेंट पार्टनिरशिप (हरित और टिकाऊ विकास गठजोड़) की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने ज़ोर दिया कि सुरक्षा और रक्षा सहयोग भारत-जर्मनी के बीच सामरिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है. इस दिशा में जिन आयामों पर फिलहाल नहीं विचार किया गया है, भविष्य में दोनों देश उस पर मिलकर प्रयास करेंगे. दोनों देशों ने इस पर भी सहमति जताई कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है. आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग रहा है और ये आगे भी जारी रहेगा.

    कारोबारियों के बीच महत्वपूर्ण करार

    2022 में भी पीएम मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठकें हुईं थी. प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज के बीच 16 नवंबर को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के बाली में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. उससे पहले दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक पिछले साल 2 मई को हुई थी, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठवीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में हिस्सा लेने बर्लिन गये थे. पीएम मोदी ने माना कि इन बैठकों में हुई चर्चाओं से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई गति और ऊर्जा मिली है. जर्मन चांसलर शोल्ज के साथ कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी आया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष सीईओ से भी मुलाकात की. इस दौरान हुई चर्चा में डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, आईटी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों को प्रमुखता से शामिल किया गया.दोनों देशों की कंपनियों के बीच कुछ महत्वपूर्ण करार भी हुए.

    यूरोप में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

    कई क्षेत्रों में जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. लोकतांत्रिक मूल्यों, नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बहुपक्षवाद, साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार जैसे मसलों भारत और जर्मनी के साझा उद्देश्य हैं. हाल के कुछ सालों में जर्मनी उच्च शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है. भारत और जर्मनी के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और भारत पर काम करने वाले जर्मन विद्वानों की एक लंबी परंपरा रही है. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. जर्मनी, भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं और इन अवसरों के प्रति जर्मनी रुचि भी दिखा रहा है, जो भारत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का जिक्र किया था |

    भारत-जर्मनी के बीच व्यापार संबंध

    भारत-जर्मनी व्यापार और निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भागीदार हैं. जर्मनी, भारत के साथ व्यापार बढ़ाने को लेकर काफी उत्सुक है. भारत भी नए बाजार की तलाश में है | ब्राजील, जर्मनी, नीदरलैंड्स जैसे देशों के साथ भारत का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है| यही वजह है कि भारत के पहले 10 निर्यातक देशों की सूची में ये सभी देश शामिल हो गए हैं. जर्मनी भारत के शीर्ष 10 वैश्विक व्यापार साझेदारों में से एक है| साल 2000 से जर्मनी भारत का 8वां सबसे बड़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक देश है. भारत में करीब 1800 जर्मन कंपनियां कारोबार कर रही हैं और इनसे हजारों लोगों को नौकरियां मिली हुई है |

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    11:07 PM