जम्मू-कश्मीर: बांस की खेती के लिए 820 लाख रुपये वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी, वैज्ञानिक खेती से जुड़ेंगे दो हजार किसान
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मुख्य रूप से वर्षा की कमी वाले क्षेत्रों के 2000 किसानों को बांच की वैज्ञानिक खेती से जोड़कर कौशल विकास किया जाएगा। हितधारकों को सतत आर्थिक विकास के बांस आधारित माडल को विकसित करने की दिशा में उत्पाद डिजाइनिंग और ब्रांडिंग के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में बांस मिशन 2021-22 के लिए 820 लाख रुपये की कार्य योजना राशि को मंजूरी दी गई है। कार्य योजना में बांस के प्रसार और खेती, उत्पाद विकास, उपकरण और मशीनरी का विकास, कौशल विकास और जागरूकता, बांच की खेती में अनुसंधान और विकास क्षेत्र पर काम किया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने गुरुवार को बांस मिशन के लिए यूटी स्तरीय कार्यकारी समिति (यूटीएलईसी) की बैठक में वार्षिक कार्य योजना राशि को मंजूरी दी।
चालू वित्त वर्ष में विभाग ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में 4.09 लाख पौधों की क्षमता के साथ 25 बांस नर्सरी स्थापित करने और उच्च घनत्व वाले बांस रोपण के तहत 1400 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का प्रस्ताव है। विभाग विभिन्न कौशल विकास कार्यशालाओं और जागरूकता सृजन शिविरों के आयोजन के साथ दो टिशू कल्चर लैब, बांच शूट प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करेगा। इससे आय बढ़ाने के अलावा स्थानीय आबादी के लिए आजीविका के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होने की उम्मीद है।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग को स्कास्ट के परामर्श में उत्पादकता वृदि और बेहतर कृषि पदतियों पर विशेष जोर देने बल दिया। विभाग को आगे किसानों की आधार सीड जानकारी वन विभाग के साथ साझा करने और विभिन्न कल्याण सहायता और समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
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