क्या होती है किसी कम्पनी की Face Value, जानें क्यों है ? ये महत्वपूर्ण |
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नई दिल्ली
शेयर मार्केट में निवेश को लेकर आज लोगों की उत्सुकता काफी बढ़ रही है। खासतौर पर युवा इसमें बढ़ चढ़ कर निवेश कर रहे हैं। ऐसे में इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करना बेहद आवश्यक है। शेयर मार्केट में जब भी कोई कम्पनी पहली बार अपना IPO लेकर आती है तो वह अपने शेयर की एक कीमत निर्धारित करती है। शेयर की कीमत का निर्धारण कुछ नियमों व एनालिसिस के बाद किया जाता है। IPO लाते समय एक टर्म हम सब काफी सुनते हैं वो है Face Value, आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की शेयर की Face Value क्या होती है।
किसी शेयर की Face Value वह कीमत होती है जो कम्पनी के शेयर जारी करते समय निर्धारित की जाती है। IPO लाते समय कम्पनी की Face Value का निर्धारण सबसे पहले किया जाता है। अक्सर कम्पनियां अपनी Face Value से ज्यादा कीमत पर अपने शेयर ऑफर करती हैं। इन सब में खास बात यह है कि Face Value पर मार्केट का प्रभाव नहीं होता। वह हमेशा फिक्स रहती है। तो वहीं कम्पनी जिस रेट में अपने प्रीमियम ऑफर करती है उसे उस शेयर की मार्केट वैल्यू कहते हैं।
इस हिसाब से कम्पनी की Face Value हमेशा फिक्स रहती है। उसमें बदलाव तभी होता है जब कम्पनी अपने शेयर स्प्लिट करती है। Face Value तो कम्पनी द्वारा तय की जाती है लेकिन उसकी मार्केट वैल्यू कम्पनी के लाभ, हानि, मार्केट की स्थिति, कम्पनी के भविष्य आदि अन्य कारकों पर निर्भर करती है। कम्पनी डिविडेंड अपनी Face Value पर ही निश्चित करती है। इसलिए इसका गणनाओं में काफी ज्यादा महत्व है।
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