कॉरपोरेट बॉन्ड फंड : स्थिर रिटर्न और जोखिम भी नहीं |
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एएए रेटिंग का मतलब बॉन्ड है सबसे ज्यादा सुरक्षित, डी रेटिंग का मतलब पैसा डूबने का खतरा।
– कॉरपोरेट बॉन्ड फंड डेट म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जो कंपनियों के बॉन्ड या एनसीडी में निवेश करती हैं।
नई दिल्ली । कॉरपोरेट बॉन्ड को नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) भी कहा जाता है। कंपनियां बैंक लोन के विकल्प के रूप में कॉरपोरेट बॉन्ड जारी कर पैसे जुटाती हैं। यह एक तरह का कर्ज है जिसके बदले कंपनियां ब्याज चुकाती हैं। किसी कंपनी का कॉरपोरेट बॉन्ड कितना सुरक्षित है, इसके लिए क्रेडिट रेटिंग ऐजेंसियां रेटिंग जारी करती हैं। शॉर्ट और लॉन्ग टर्म के लिए अलग-अलग रेटिंग जारी होती है।
ऐसे काम करते हैं कॉरपोरेट बॉन्ड फंड-
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड डेट म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जो कंपनियों के बॉन्ड या एनसीडी में निवेश करती हैं। सेबी के नियमों के मुताबिक, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स को कुल राशि (एयूएम) का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा सर्वोच्च रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड में लगाना होता है।
इन वजहों से इस फंड में करें निवेश –
ज्यादा सुरक्षा: कॉरपोरेट बॉन्ड फंड का ज्यादातर हिस्सा टॉप रेटिंग वाले डेट साधनों में लगाया जाता है, इसलिए ये ज्यादातर फंड श्रेणियों के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं।
लिक्विडिटी: टॉप रेटिंग वाले साधनों में निवेश की वजह से इन फंड्स में तरलता अधिक होती है। यानी इनमें खरीद-बिक्री आसान होती है। निवेशक जब चाहें इन्हें बेच सकते हैं।
स्थिर प्रदर्शन: वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ने लगातार अन्य डेट श्रेणियों के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया है।
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