असम: कैप्टन जिंटू गोगोई मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट 15 से होगा शुरू, आठ राज्यों की 24 टीमें लेंगी हिस्सा |
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उद्घाटन समारोह में भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा उपस्थित रहेंगे।
कैप्टन जिंटू गोगोई वीर चक्र मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का 18वां संस्करण 15 फरवरी से ऊपरी असम के दुलियाजान शहर स्थित नेहरू खेल मैदान में एक रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरू होगा। इसमें पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल टीमें आपस में भिडेंगी। कैप्टन जिंटू गोगोई वीर चक्र मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स डिवीजन और ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यक्रम कारगिल में शहीद हुए वीर चक्र और असम राज्य के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘बीर चिलाराई’ प्राप्त कैप्टन जिंटू गोगोई को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया जाता है। टूर्नामेंट 15 फरवरी से 22 फरवरी, 2023 तक होने वाला है।
उद्घाटन समारोह में भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा उपस्थित रहेंगे। सेना से मिली जानकारी के मुताबिक, टूर्नामेंट में फुटबॉल प्रेमियों के लिए रोमांचक अनुभव होने वाला है। इस दौरान बेहतरीन फुटबॉल देखने को मिलेगा। कैप्टन जिंटू गोगोई वीर चक्र मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट में 24 टीमें हिस्सा लेंगी। यह टूर्नामेंट दुलियाजान, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और डिगबोई सहित विभिन्न स्थानों पर होगा, जिससे फुटबॉल प्रशंसकों को बेहतरीन फुटबॉल देखने को मिलेगी। फाइनल मैच 22 फरवरी को खेला जाएगा।
इस दौरान केवल खेल ही नहीं होगा बल्कि भारतीय सेना अपने सांस्कृतिक और साहसिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित भी करती है। इस बार टूर्नामेंट में जयपुर स्थित राजपूत बटालियन भांगड़ा नृत्य, मल्लखंभ, कलारीपयट्टू, खुखरी नृत्य, जैज़- पाइप बैंड प्रदर्शन सेना के कलाकारों द्वारा बिहू और तांग्सा सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ नागरिक पेशेवरों द्वारा कमांडो द्वारा स्काईडाइविंग, द्वारा स्टंट सहित हेलीकॉप्टर और आतिशबाजी का प्रदर्शन करेगी।
उल्लेखनीय है कि कैप्टन जिंटू गोगोई वीर चक्र 17 गढ़वाल राइफल्स के एक अधिकारी थे। असम के बहादुर ने 1999 में कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) के दौरान राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने पर अदम्य साहस और अत्यंत निष्ठा दिखाई। उन्हें मरणोपरांत भारत का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन सैन्य अलंकरण वीर चक्र प्राप्त हुआ। असम के वीर सपूत को 2008 में राज्य के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘बीर चिलाराई’ से भी नवाजा गया था।
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